UP By-Election: कांग्रेस पर फिर दबाव बनाने में कामयाब रहे अखिलेश, प्रदेश अध्यक्ष तक को नहीं लगी फैसले की भनक
UP By-Election: कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व की ओर से काफी दिनों से पांच सीटों पर लड़ने की बात कही जा रही थी मगर समाजवादी पार्टी एक बार फिर कांग्रेस पर भारी पड़ी है।
UP By-Election: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस पर दबाव बनाने में कामयाब रहे हैं। प्रदेश में हो रहे विधानसभा उपचुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से पांच सीटों की डिमांड की जा रही थी मगर सपा मुखिया ने कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें दी हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सपा मुखिया की बातचीत के बाद कांग्रेस को दो सीटें दी गई हैं जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि उन्हें इस फैसले के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व की ओर से काफी दिनों से पांच सीटों पर लड़ने की बात कही जा रही थी मगर समाजवादी पार्टी एक बार फिर कांग्रेस पर भारी पड़ी है। उल्लेखनीय बात यह है कि सपा की ओर से कांग्रेस को जो दो सीटें दी गई हैं,उन पर लंबे समय से भाजपा का कब्जा बना हुआ है। इन सीटों पर भाजपा को चुनौती देना कांग्रेस के लिए काफी मुश्किल माना जा रहा है।
कांग्रेस ने रखी थी इन पांच सीटों की डिमांड
उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही कांग्रेस नेताओं ने पांच सीटों की डिमांड रखनी शुरू कर दी थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय शुरुआत से ही पार्टी के पांच सीटों पर उपचुनाव लड़ने की बात कर रहे थे। कांग्रेस की ओर से गाजियाबाद, फूलपुर, खैर, मीरापुर और मझंवा सीटें मांगी गई थी। प्रदेश नेतृत्व की ओर से संबंध में प्रस्ताव भी शीर्ष नेतृत्व को भेजा गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से दावा किया गया था कि पार्टी पांच सीटों पर उपचुनाव की तैयारी में जुटी हुई है। उनका कहना था कि जिन सीटों पर दावा किया गया है, वे भाजपा और उसके सहयोगी दलों की हैं। ऐसे में उम्मीद है कि सपा को इन सीटों पर कोई एतराज नहीं होगा।
सपा मुखिया ने पहले ही बांट दिए टिकट
दूसरी ओर सीट बंटवारे का मामला सुलझने से पहले ही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने छह सीटों पर अपनी पार्टी के प्रत्याशी घोषित कर दिए थे। गुरुवार को उन्होंने मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू सुम्बल राणा को उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया।
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर सपा की ओर से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट देने का ऐलान किया गया है। हालांकि इस सीट का मामला लखनऊ हाईकोर्ट में होने के कारण अभी चुनाव आयोग ने मिल्कीपुर में मतदान की तारीख का ऐलान नहीं किया है। इस तरह सपा की ओर से आठ सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित किया जा चुके हैं।
राहुल से बातचीत कर सुलझाया मामला
जानकार सूत्रों का करना है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव 16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए श्रीनगर पहुंचे थे। इस दौरान उनकी कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी से मुलाकात भी हुई थी। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश और राहुल के बीच उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव पर भी चर्चा हुई थी।
इस बातचीत के दौरान ही फैसला किया गया कि गाजियाबाद और अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारेगी। इस तरह अखिलेश यादव कांग्रेस पर एक बार फिर दबाव बनाने में कामयाब रहे। प्रदेश कांग्रेस की ओर से भेजे गए प्रस्ताव की अनदेखी करते हुए राहुल गांधी ने भी अखिलेश की बात पर अपनी सहमति जता दी। अखिलेश यादव ने कहा कि सपा ने कांग्रेस के लिए दो सीटें छोड़ी हैं और जल्दी ही कुंदरकी सीट पर भी पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष तक को फैसले की जानकारी नहीं
इस पूरे प्रकरण में एक बात और खुलकर सामने आई कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को भी सपा के साथ हुए समझौते के बारे में जानकारी नहीं थी। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना था कि कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर हमारा फैसला अंतिम है। कांग्रेस दस सीटों में से गाजियाबाद और अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी। दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का कहना था कि हमें इस फैसले के बारे में जानकारी नहीं है और हम फिलहाल पांच सीटों की डिमांड पर ही अड़े हुए हैं। इससे साफ है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को भी राहुल और सपा मुखिया के बीच हुई बातचीत और उसमें लिए गए फैसले के बारे में जानकारी नहीं थी।