अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर बोला बड़ा हमला, कही ये बात
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सरकार पर सत्तामद में लोकतंत्र और संविधान की सभी मर्यादाओं को तार-तार करने का आरोप लगाया है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सरकार पर सत्तामद में लोकतंत्र और संविधान की सभी मर्यादाओं को तार-तार करने का आरोप लगाया है।
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लाकर देश में बंटवारे की राजनीति को बढ़ावा देने का काम किया है। पूरे देश में इसका जनप्रतिरोध जारी है। जबकि केन्द्र सरकार तानाशाही के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी प्रतिबंध लगा रही है।
सपा अध्यक्ष ने बुधवार को कहा कि आज सरकार की गलत नीतियों से चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची है। सरकार जनता के मन की बात सुनने के बजाए अपनी मनमानी थोपने पर उतारु है।
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कल सपा का धरना
उन्होंने कहा कि गुरुवार को पार्टी का प्रस्तावित शांतिपूर्ण धरना अवश्य होगा। जिसके माध्यम से पार्टी राज्यपाल का ध्यान जनसमस्याओं की ओर आकर्षित करना चाहती है। उन्होंने बताया कि धरने के माध्यम से नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रति जनता के मन में जो आशंकाएं हैं उसको भी आवाज दी जाएगी।
इस अधिनियम के विरूद्ध इतना जनरोष है कि पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे है। लोग सड़कों पर उतर आए है। छात्रों पर बर्बरता से लाठी चार्ज हो रहा है। विश्वविद्यालयों की स्वायतता पर खतरा है।
अखिलेश ने सीएए के विरोध में हो रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा राज पूरी तरह अंधेरगर्दी पर उतर आया है। नौजवान, सामाजिक कार्यकर्ता जो नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरूद्ध आवाज उठा रहे हैं, उनको कुचलने के लिए प्रशासन बर्बरता पर उतर आया है। विश्वविद्यालयों से छात्रों को बाहर किया जा रहा है, हास्टल खाली कराए जा रहे हैं।
छात्राओं तक का उत्पीड़न किया जा रहा है। जनता के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को भी हिंसक बताकर पुलिसतंत्र लोकभावना को अपमानित करने का काम कर रहा है। फर्जी मुकदमें लगाकर निर्दोषों को फंसाया जा रहा है। धरना प्रदर्शन जनता का लोकतांत्रिक अधिकार है। पुलिस राजनीतिक कार्यकर्ताओं को चेतावनी पत्र देकर धमकाने का काम कर रही है।
सपा मुखिया ने किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि डबल इंजन की भाजपा सरकार में किसानों की तबाही तय है। धान, आलू, गेंहू, सरसों का किसान बदहाल है। उसे न तो लागत मूल्य मिल रहा है और न ही ओलावृष्टि से बर्बाद फसल का मुआवजा मिलने वाला है।
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गन्ना किसानों का बकाया भुगतान मिलों ने नहीं किया: अखिलेश
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि भाजपा ने लागत से ड़ेढ गुना ज्यादा फसल का दाम देने का वादा किया था, उस वादे का क्या हुआ? गन्ना किसानों का बकाया भुगतान मिलों ने नहीं किया। उन पर कड़ी कार्यवाही के बजाय किसान का ही उत्पीड़न किया जा रहा है। जबकि उसे बकाया राशि पर ब्याज मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मंहगाई ने उपरोक्ता की कमर तोड़ दी है। नौजवानों के भविष्य के सामने अंधेरा छाया हुआ है। भाजपा राज में नौकरियां सृजित नहीं हुई जो उद्योग चल रहे है उनमें भी छंटनी की जा रही है, नोटबंदी-जीएसटी से व्यापार चैपट हैं।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा की गलतनीतियों के चलते देश की अर्थव्यवस्था रसातल में जा रही है। मंदी का प्रकोप है। विकास दर में भारी गिरावट है।
कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब है कि बच्चियों तक जीवन संकट में पड़ गया है। अपहरण, बलात्कार और लूट की घटनाएं थम नहीं रहीं है। युवतियां और किशोरी जिंदा जलाई जा रही है।