सुलह के आसार नहीं: मीडिया के जरिए अखिलेश ने दी चाचा शिवपाल को जन्मदिन की बधाई
लखनऊ: समाजवादी परिवार में चल रहा कलह अभी खत्म नहीं हुआ है। चाचा-भतीजे की लड़ाई अभी जारी है। नए साल में भी अखिलेश व शिवपाल एक नाव पर सवार नहीं दिख रहे हैं। परिवार 'वाद' के कारण ही विधानसभा चुनाव में सपा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। अगले साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं। लेकिन अभी भी समाजवादी पार्टी में कलह का दौर खत्म होता नहीं दिख रहा। ऐसे में लोकसभा चुनाव में भी सपा को तगड़ा नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।
क्या है मामला?
पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव सोमवार (22 जनवरी) को कार्यकर्ताओं के साथ अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर अखिलेश लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। पूर्व सीएम अखिलेश पार्क में जनेश्वर की मूर्ति पर मार्ल्यापण करने पहुंचे हुए थे। इसी बीच अखिलेश यादव ने मीडिया के माध्यम से चाचा शिवपाल को जन्मदिन की बधाई दी। newstrack.com के संवाददाता ने जब पार्टी अध्यक्ष से पूछा, कि 'क्या उन्होंने शिवपाल को निजी तौर पर, मिलकर या फोन कर जन्मदिन की बधाई दी है? तो इस पर अखिलेश कुछ देर चुप हो गए। थोड़ी देर बाद कहा, कि 'मीडिया से बड़ा प्लेटफार्म कौन सा है। मैं आप लोग यानि मीडिया के जरिए शिवपाल यादव जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देता हूं।'
अखिलेश को नहीं है शिवपाल की जरूरत
मीडिया के माध्यम से अखिलेश यादव ने जिस तरह अपने चाचा शिवपाल को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं उससे यह तो साफ पता चल गया कि दोनों की मंजिलें अब भी जुदा हैं। इससे पहले तक अपने चाचा शिवपाल के जन्मदिन के अवसर पर अखिलेश उनके साथ मौजूद दिखते थे। लेकिन मौजूदा हालात में शिवपाल के साथ तो क्या अखिलेश ने निजी तौर पर भी चाचा शिवपाल को बधाई देना मुनासिब नहीं समझा। इससे यह साफ पता जाहिर होता है कि अखिलेश को अब शिवपाल की कोई आवश्यकता नहीं है।
शिवपाल भी अलग होने के देते रहे हैं संदेश
नाराजगी केवल अखिलेश की तरफ से नहीं है। शिवपाल यादव भी कई जगह अखिलेश के प्रति अपना विरोध जता चुके हैं। कई बार तो सुनने में आ चुका है कि शिवपाल 'समाजवादी लोकदल' बना रहे हैं। लेकिन अटकलों पर तब विराम लगा जब नेताजी मुलायम सिंह यादव ने इस पर नाराजगी जताई। शिवपाल नेताजी से हरी झंडी मिलने के इंतजार में हैं। वहीं, दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि शिवपाल कांग्रेस पार्टी में जा रहे हैं। लेकिन अटकलें अभी जारी हैं। इस तरह चाचा-भतीजे की राहें आगे भी जुदा ही रहेंगी, लगता तो ऐसा ही है।