Akhilesh Yadav in Mahakumbh: महाकुंभ में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद से मिले अखिलेश यादव, हाथ जोड़ लिया आशीर्वाद
Akhilesh Yadav in Mahakumbh: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साधु-संतों और धर्माचार्यो से उनके शिविर में जाकर भेंट की। वह शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिविर भी पहुंचे।;
Akhilesh Yadav in Mahakumbh: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र पहुंचे। वहां उन्होंने अपने बेटे अर्जुन के साथ त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगायी। गंगा में डुबकी लगाने के बाद उन्होंने भगवान सूर्य का अर्घ्य दिया। पूजन-अर्चन के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साधु-संतों और धर्माचार्यो से उनके शिविर में जाकर भेंट की।
शंकराचार्य ने अखिलेश यादव को दिए लड्डू
वह शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिविर भी पहुंचे और जमीन पर बिछी चटाई पर बैठ दोनों हाथों को जोड़कर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को प्रणाम किया। सोशल मीडिया पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात के दौरान की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव शंकराचार्य के चरणों में बैठे बेहद सहज भाव के साथ हंसते-मुस्कुराते हुए हाथ जोड़कर बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी उनके वार्तालाप करते समय बेहद प्रसन्न दिखे। बातचीत करने के बाद शंकराचार्य ने अखिलेश यादव को प्रसाद के रूप में लड्डू भी दिए।
इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने साधु-संतों के साथ प्रसाद भी ग्रहण किया। यहीं नहीं वह शिविर में प्रसाद बन रहे स्थान पर भी पहुंचे और श्रम दान किया। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ उनका बेटा अर्जुन भी मौजूद रहा। उन्होंने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर और अन्य साधु-संतों से भी भेंट की। साधु-संतों से भेंट करने के बाद सपा सुप्रीमो अपने पिता मुलायम सिंह यादव के नाम से बने शिविर में भी पहुंचे और वहां सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की।
वह इस्कॉन मंदिर के शिविर में भी पहुंचे और भंडारे के लिए बन रहे भोजन के लिए अपना श्रम दान किया। इसके बाद वह बेटे के साथ महाकुंभ मेला क्षेत्र से निकल गये। उल्लेखनीय है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ में संगम में 11 डुबकी लगायी थी। उन्होंने 11 डुबकी लगाने के पीछे की वजह भी बतायी थी। उन्होंने कहा था कि उनसे एक प्रतिष्ठित धर्माचार्य ने कहा था कि गंगा में 11 डुबकी लगाना शुभ माना जाता है। इसलिए उन्होंने संगम में 11 डुबकी लगायी थी।