अखिलेश यादव को लेकर दूसरे दिन में विधानसभा में हंगामा

विधान सभा में बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोके जाने की घटना को लेकर विपक्ष का हंगामा सदन में दूसरे दिन भी जारी रहा। समाजवादी पार्टी के सदस्यों की मांग थी कि प्रयागराज में किए गए लाठीचार्ज में दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही हो। 

Update: 2019-02-13 10:06 GMT

लखनऊ: विधान सभा में बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोके जाने की घटना को लेकर विपक्ष का हंगामा सदन में दूसरे दिन भी जारी रहा। समाजवादी पार्टी के सदस्यों की मांग थी कि प्रयागराज में किए गए लाठीचार्ज में दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही हो।

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बुधवार को आज पूर्वान्ह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के सदस्य इकबाल महमूद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मंगलवार को चै चरण सिंह हवाई अड्डे पर रोके जाने का मामला उठाना चाहा। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष हदयनारायण दीक्षित ने कहा कि इस मामले को प्रश्नकाल के बाद उठाया जाए। जिस पर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने अपनी असहमति जताई। समाजवादी पार्टी के एक अन्य सदस्य नरेन्द्र सिहं वर्मा ने कहा कि सरकार लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है।

उन्होंने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए विधानसभा अध्यक्ष से इस पर अविलम्ब चर्चा कराने की मांग की। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष बार बार इस बात पर जोर देते रहे कि प्रश्नकाल बेहद महत्वपूर्ण होता है इसलिए प्रश्नकाल हो जाने के बाद ही इसे सुना जाएगा। परन्तु सपा सदस्य कुछ भी सुनने को तैयार न थें । विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से सहमति मिलते न देख समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे।

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इसी बीच बसपा सदस्य अपने सहयोगी दल के समर्थन में वेल में आ गए और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। विधानसभाअध्यक्ष के बार बार रोके जाने के बाद भी जब विपक्षी सदस्य कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थें। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी। समयावधि पूरा होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन का स्थगन 12 बजकर 20 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी।

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प्रश्नकाल के बाद जब सदन की कार्यवाही दोबारा प्रारम्भ हुई तो सपा सदस्य नरेन्द्र सिंह वर्मा ने अखिलेश यादव के मामले को उठाते हुए कहा कि गत मंगलवार को जब वह प्रयागराज जा रहे थें तो उनको लखनऊ एयरपोर्ट पर रोक लिया गया जबकि एक संशोधित कार्यक्रम प्रयागराज जिलाप्रशासन को भेजा गया था। जिसमें यह कहा गया था कि अखिलेश यादव बाघम्बरी देवी के मठ द्वारा उनका स्वागत होगा और दोपहर वहां भोजन करेंगे। इसमे छात्रसंघ का कोई कार्यक्रम नहीं था। अधिकारियों ने जिस तरह से अखिलेश यादव को एयरपोर्ट में रोकने का काम किया वह अलोकतांत्रिक था उनके साथ धक्कामुक्की की गयी। और प्रदेश पुलिस जिसे एयरपोर्ट के अंदर जाने का अधिकार नहीं था, उसने भी एयरपोर्ट के अंदर जाकर अखिलेश यादव को रोकने का काम किया।

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उन्होंने कहा कि यही नहीं प्रयागराज में सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव सपा के विधायकों और छात्रसंघ पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। उन पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोकतंत्र का गला घोटनें का काम कर रही है। जिन अधिकारियों के काम पर लाठी चार्ज किया गया उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। तथा डीएम और एसएसपी को निलम्बित किया जाए और सपा कार्यकर्ताओं पर लगाए गए मुकदमें वापस लिए जाए।

बहुजन समाज पार्टी विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि यह बहुत गंभीर घटना है। छा़त्रसंघ के कार्यक्रम में राजनीतिक दलों को बुलाने की परम्परा बहुत पुरानी रही है। अखिलेश यादव जब हवाई जहाज पर बैठने जा रहे थें तो उन्हे रोक लिया गया। यह हिटलरशाही है जो चरम पर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि एसडीएम स्तर का अधिकारी ने पूर्व मुख्यमंत्री को रोकने का काम किया जबकि किसी डीएम या एसएसपी को उनसे सम्पर्क करना चाहिए था। श्री वर्मा ने कहा कि सपा सदस्य जब धरना दे रहे थें तो उनपर लाठीचार्ज किया गया।

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इस मामले में पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। तथा हाइकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करानी चाहिए। सपा सदस्य संग्राम सिंह ने कहा कि हम लोगों पर प्रयागराज में बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया। पुलिस द्वारा कहा गया कि तुम लोग अखिलेश के गुण्डे हो। उन्होंने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ के इशारे पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों पर लाठी चार्ज किया गया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि कल भी यह विषय सदन में उठाया गया था। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी नहीं चाहती है कि सदन ठीक ढंग से चले।

उन्होंने कहा कि सदन में जो भी बाते कहीं गयी है उनमें से एक आध बात छोडकर सभी बातें झूठ का पुलिंदा है। संसदीय कार्यमंत्री खन्ना ने कहा कि आठ फरवरी को ही विश्वविद्यालय की परामर्शदात्री समिति ने बैठक करके यह निर्णय लिया था कि कार्यक्रम में किसी राजनीतिक व्यक्ति को नहीं बुलाया जाएगा। और इस निर्णय की लिखित सूचना छात्रसंघ अध्यक्ष को दे दी गयी थी। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि विरोधी पार्टियों द्वारा प्रदेश में अराजकता फैलाने का षडयन्त्र फैलाया जा रहा है।

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इस प्रकार के षडयन्त्र को योगी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सपा कार्यकर्ताओं द्वारा पत्थर बाजी की गयी और उज्जवला योजना के पोस्टरों को जला दिए गए। यह लोग पूरे प्रदेश में शांति भंग करने का माहौल बनाया जा रहेहै। श्री खन्ना ने कहा कि हमारा काम प्रदेश में अमन चैन और कानून व्यवस्था को कायम करने का है। संसदीय कार्यमंत्री के इ स वक्तव्य पर सपा बसपा सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे जिस पर सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी। इसके बाद जब सदन की कार्यवाही फिर प्रारम्भ हुई तो शोरशराबे के बीच सत्ता पक्ष ने अपने विधायी कार्य निबटाए और इसके बाद सदन की कार्यवाही गुरूवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

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