ज्ञानवापी मामले में उलझाकर बेरोजगारों के सवालों से बचना चाहती है BJP : अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा, कि 'प्रदेश में लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। चंदौली में फांसी लगाने की कहानी पुलिस ने बनाई। ललितपुर में थाने में दारोगा द्वारा बलात्कार का आरोप है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  aman
Update: 2022-05-18 13:54 GMT

अखिलेश यादव (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया) 

Akhilesh Yadav : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा, कि सिद्धार्थनगर में कोडरा ग्रांट मामले में पुलिस लीपापोती न कर सके इसके लिए इस कांड की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में होनी चाहिए। यह मसले को वो विधानसभा में भी उठाएंगे।' उन्होंने कहा, कि यह घटना शर्मनाक है। वहीं, सपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) चाहती है कि ज्ञानवापी मामले में नौजवान उलझे रहें। उन्हें रोजगार के बारे में जवाब न देना पड़े।

उल्लेखनीय है, कि सिद्धार्थनगर के कोडरा ग्रांट में पुलिस ने 14 अप्रैल की रात दबिश डाली थी। इसी दौरान पुलिस की गोली से महिला की मौत हो गई थी। अखिलेश यादव ने आज शोक संतप्त परिवार से भेंट की। परिवार को न्याय दिलाने के लिए उनका साथ देने का भरोसा दिया।

'प्रदेश में हिरासत में कई मौतें हुई'

इस मौके पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, कि 'प्रदेश में लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। चंदौली में फांसी लगाने की कहानी पुलिस ने बनाई। ललितपुर में थाने में दारोगा द्वारा बलात्कार का आरोप है। प्रदेश की पुलिस फर्जी एनकाउंटर के लिए बदनाम है। हिरासत में कई मौतें हुई हैं।'

बीजेपी राज में महंगाई ने गरीब की कमर तोड़ दी

अखिलेश यादव ने आगे कहा, कि 'बीजेपी राज में महंगाई ने गरीब की कमर तोड़ दी है। जबकि, उद्योगपतियों की पौबारह है। खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई दर 30 साल में सबसे ज्यादा बढ़ी है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस के साथ परिवहन, खाने-पीने का सामान, आटा, तेल, बिजली के दामों में भारी वृद्धि होने से घरेलू अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। नोटबंदी और जीएसटी ने छोटे उद्योगों को बंदी के कगार पर पहले ही पहुंचा दिया है।'

बीजेपी विषाक्त वातावरण पैदा कर रही

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, कि 'विकास के लिए शांति-सौहार्द की जरूरत होती है। चूंकि, बीजेपी को विकास में कोई रुचि नहीं है, इसलिए वह समाज में साम्प्रदायिकता का विषाक्त वातावरण पैदा करना चाहती है।'

...गरीब तक अनाज न पहुंचे

अखिलेश यादव ने कहा, कि 'गेहूं की सरकारी खरीद की जगह उद्योगपतियों को गेहूं बिकवाने के पीछे भाजपा सरकार का इरादा है कि गरीब तक पूरा अनाज न पहुंचे। पांच बड़ी कम्पनियों ने किसानों से औने-पौने दाम पर गेहूं खरीद लिया। अब वे इसी गेहूं को मनमाने दाम पर बेचकर भारी मुनाफा कमाएंगे। मुफ्त राशन वितरण के नाम पर अब गरीबों को धोखा दिया जा रहा है। तमाम गरीबों को अपात्र बताकर उनसे वसूली की मुनादी की जा रही है।'

बीजेपी महंगाई के सवाल से भाग रही

उन्होंने आगे कहा, कि जब किसानों से गेहूं खरीदा तो उसकी कीमत 12 रुपए प्रति किलो थी। अब राशन कार्ड के बहाने लोगों से 24 रुपए प्रति किलो की दर से वसूली होनी है। गेहूं है नहीं,इसलिए राशन से गेहूं हटा दिया गया। अखिलेश यादव ने कहा, कि 'भाजपा सरकार को महंगाई, गरीब की रोजी-रोटी की कोई चिंता नहीं है। वह नफरत और परस्पर वैमनस्य की राजनीति के सहारे बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश कर रही है। भाजपा महंगाई के सवाल से भाग रही है। समाज में भाईचारा मजबूत करने के बजाए भाजपा-आरएसएस समाज को बांटने की साजिश करने में लगी है। भाजपा चाहती है कि ज्ञानवापी के मामले में नौजवान उलझे रहें। उन्हें रोजगार के बारे में जवाब न देना पड़े।'

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