भाजपा का सत्ता संघर्ष: दो नेताओं को थामने में दिल्ली दूत नाकाम, अखिलेश यादव का तीखा व्यंग्य

Akhilesh Yadav Tweet : सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष का लखनऊ दौरा पूरी तरह नाकाम रहा है। वे दिल्ली व लखनऊ के बीच फंस गए।

Written By :  Akhilesh Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-06-02 22:04 IST

एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

Akhilesh Yadav Tweet:  भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश राजनीति में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। सत्ता के लिए दो बड़े नेताओं में तलवार खिंची हुई है। केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों नेताओं की रार खत्म करने की कोशिश की है लेकिन यह दरार और बढ़ गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा की आंतरिक कलह या भाजपा में बगावत (BJP Me Bagawat) की ओर खुला इशारा किया है। उन्होंने टवीट कर कहा है कि दरार पाटने में नाकाम रहे केंद्रीय दूत अब झूठे टवीट कर लीपापोती की कोशिश कर रहे हैं।

भाजपा के सत्ता संघर्ष पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की भी पूरी नजर बनी हुई है। सपा भी यह जानने की कोशिश कर रही है कि भाजपा के सत्ता संघर्ष में किस नेता का पलड़ा भारी हो रहा है। भाजपा विधायक और मंत्रीगण किस ओर जा रहे हैं। प्रदेश की योगी सरकार के काम—काज को लेकर उनकी क्या सोच—समझ है। भाजपा के नेता आगामी विधानसभा चुनाव में कौन सी चुनौती महसूस कर रहे हैं। सपा की दिलचस्पी और जानकारी का खुलासा बुधवार को तब हुआ जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पूरे मामले पर संकेत भरी भाषा में ट्वीट किया।

अखिलेश का ट्वीट (Akhilesh Yadav Tweet)

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष की दिल्ली वापसी का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने साफ कर दिया कि दो दिन की मैराथन बैठक और समीक्षा के बावजूद प्रदेश में जारी सत्ता संघर्ष थमा नहीं है। दो दिन की राजनीतिक गतिविधियों और समीक्षा बैठकों ने सत्ता के दोनों बड़े दावेदारों के बीच दरार और चौड़ी कर दी है। दोनों पक्षों में समझौता कराने की कवायद विफल रही है। आने वाले दिनों में सत्ता संघर्ष और तेज हो सकता है।


बुधवार की शाम साढ़े छह बजे अखिलेश यादव ने अपनी बात में रहस्य का पुट शामिल करते हुए कहा कि दिल्ली व लखनऊ के बीच फंस गए दूत। इधर एक को मनाते हैं तो दूजे जाते रूठ। दरार—रार पाटने के वास्ते टवीट करते झूठ। अपने इस टवीट से अखिलेश यादव ने साफ कर दिया कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष (BL Santosh) का लखनऊ दौरा पूरी तरह नाकाम रहा है। भाजपा के सत्ता संघर्ष में शामिल दो बड़े नेताओं के बीच समझौता कराने में वह नाकाम रहे हैं।दोनों नेता अपने समर्थकों को लेकर अड़ गए हैं। अब भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ही तय करेगा कि किस नेता के साथ विधायकों का समर्थन ज्यादा है और किस नेता के साथ आगामी विधानसभा चुनाव का समर जीता जा सकता है।

बताया जा रहा है कि भाजपा सरकार के मंत्रियों ने जो जानकारी केंद्रीय महासचिव को दी है वह बेहद चौंकाने वाली है। प्रदेश सरकार को नौकरशाहों की सरकार बताया है। नेताओं ने साफ कर दिया है कि चुनाव लड़ने के लिए कार्यकर्ता चाहिए नौकरशाह नहीं। अब फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है। भाजपा के दोनों बड़े नेता अपनी हार मानने को तैयार नहीं हैं। अखिलेश यादव की मानें तो दरार और बढ़ गई है।

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