UP By Election: अखिलेश यादव लालू के इस दामाद को सौपेंगे अपनी सीट! जानिए कौन हैं ये
UP By Election: सपा अध्यक्ष ने कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद इस विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। अब इस सीट पर जल्द ही उप चुनाव होना है।
UP By Election: यूपी विधानसभा की दस सीटों के लिए जल्द ही उप चुनाव होने वाले हैं। इनमें अखिलेश यादव की करहल विधानसभा सीट भी शामिल है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में इसी सीट से विधायक चुने गए थे। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।
अब अखिलेश यादव की इस सीट पर उप चुनाव होना है। अखिलेश यादव अपनी इस सीट से परिवार के ही किसी सदस्य को चुनावी मैदान में उतारेंगे। यह तय माना जा रहा है। इस सीट पर जो नाम सबसे आगे चल रह है वो है तेज प्रताप यादव का। माना जा रहा है कि करहल सीट से तेज प्रताप का चुनाव लड़ना तय है। करहल सीट यादव परिवार की सीट मानी जाती हैं। यह सीट सपा की सबसे सुरक्षित सीट कही जाती है। अब इस सीट पर उप चुनाव होने जा रहा है।
कौन हैं तेज प्रताप, जिन्हें अखिलेश लड़ा सकते हैं करहल से चुनाव
तेज प्रताप सिंह यादव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2004 में किया था। सबसे पहले वे क्षेत्र पंचायत सदस्य सैफई से निर्विरोध चुने गए थे। 2012 में वे सैफई के ब्लाक प्रमुख भी निर्विरोध चुने गए थे। तेज प्रताप का जन्म 21 नवंबर 1987 को हुआ था।
दिल्ली से स्कूली शिक्षा लंदन से एमबीए
उन्होंने दिल्ली के दिल्ली पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा ग्रहण की है। उन्होंने 2005 में इंटरमीडिएट किया और 2008 में एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से बीकॉम किया करने के बाद वर्ष 2009 में लंदन की लीड्स यूनिवर्सिटी से उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की।
तेज प्रताप ही संभालते हैं सैफई महोत्सव की जिम्मेदारी
तेज प्रताप मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के नाती हैं। उनके पिता रणवीर सिंह यादव सैफई महोत्सव के संस्थापक रहे हैं। 2002 में रणवीर सिंह यादव का निधन हो गया था। उसके बाद तेज प्रताप ने उनकी कमान संभाली थी।
मां हैं ब्लाक प्रमुख
उनकी मां मृदुला यादव इस समय सैफई की ब्लाक प्रमुख हैं। तेज प्रताप 2014 में मैनपुरी लोकसभा से उपचुनाव में जीत कर पहली बार सांसद चुने गए थे। तेज प्रताप ही मैनपुरी लोकसभा सीट का सारा काम देखते थे।
लालू की बेटी से हुआ है विवाह
तेज प्रताप यादव लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं। तेज प्रताप की शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी राज लक्ष्मी यादव से वर्ष 2015 में हुई थी।
शादी में शामिल हुए थे पीएम मोदी
तेज प्रताप की शादी में उन्हें आशीर्वाद देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आए थे। इस दौरान एक ही मंच पर मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव ने नरेन्द्र मोदी का स्वागत भी किया था।
करहल सीट का राजनीतिक इतिहास
-साल 1956 के परिसीमन के बाद करहल विधानसभा सीट बनी थी। 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के पहलवान नत्थू सिंह यादव यहां से जीत कर पहले विधायक बने थे।
-उसके बाद 1962, 1967 और 1969 में स्वतंत्र पाटी, 1974 में भारतीय क्रांति दल और 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर नत्थू सिंह विधायक बने, 1980 में कांग्रेस के शिवमंगल सिंह ने यहां से जीत हासिल की थी।
उसके बाद जातिगत हवा के कारण 1985 से 1996 तक बाबूराम यादव ने इस सीट से चुनाव जीता था।
इस सीट पर 1993 से है सपा का कब्जा
-बता दें बाबूराम यादव ने तीन चुनाव जनता दल के टिकट से जीते थे, लेकिन 1993 में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।
-उसके बाद वह दो बार विधायक रहे, लेकिन 2002 में उन्हें भाजपा के सोबरन सिंह से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, कुछ समय बाद सोबरन सिंह सपा में शामिल हो गए और तब से वह कई बार यहां से चुनाव जीते। 2017 में भाजपा की लहर के बाद भी सपा उम्मीदवार को यहां से भारी वोट मिले थे।
क्या है जातिगत समीकरण?
-अगर करहल विधानसभा में जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3,71,241 है।
-इनमें 2,01,394 पुरुष, 1,69,851 महिला और 16 मतदाना अन्य श्रेणी के हैं। कुल मतदाताओं में से 40 प्रतिशत मतदाता यादव समुदाय से आते हैं।
-इसी तरह 17 प्रतिशत मतदाता अनुसूचित जाति (एससी), 13 प्रतिशत शाक्य, नौ प्रतिशत ठाकुर, सात प्रतिशत ब्राह्मण, छह प्रतिशत अल्पसंख्यक और अन्य जाति और समुदाय के आठ प्रतिशत मतदाता हैं। ऐसे में इस सीट पर यादव मतदाता निर्णयक भूमिका में हैं।