Aligarh Firing Case: पांच दिन बाद जिंदगी की जंग हार गयी महिला, एसआई से चली थी गोली; अभी भी फरार है बीस हजार का इनामी पुलिसकर्मी

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Update: 2023-12-14 05:06 GMT

Aligarh News: ऊपर कोतवाली में हज के लिए जा रही महिला को दरोगा ने वेरिफिकेशन के लिए कोतवाली बुलाया था। इस दौरान सब इंस्पेक्टर की पिस्टल से गोली चलने पर 55 वर्षीय इशरत निगार के सिर को चीरते हुए गोली बाहर निकल गई। इशरत निगार लहू-लुहान अवस्था में जमीन पर गिर गई, इससे थाना कोतवाली में सन्नाटा पसर गया। आनन-फानन में अस्पताल ले गये। घायल महिला की पांच दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने मुख्यमंत्री से एक करोड़ मुआवजे की मांग की है। 

अलीगढ़ ऊपर कोतवाली में तुर्कमान गेट निवासी इशरत निगार को दरोगा की पिस्टल से चली गोली लगने के बाद घायल अवस्था में मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। वहां डॉक्टरों की विशेष टीम उपचार में लगी हुई थी। कई महत्वपूर्ण डिपार्टमेंट के विभागों के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी उपचार में लगे हुए थे। लेकिन महिला को बचाया नहीं जा सका। जिंदगी और मौत जूझते हुए। 55 वर्षीय इशरत निगार ने आखिर दम तोड़ दिया। इशरत निगार के शव को अलीगढ़ पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम भी रात्रि को कराया गया। मालूम हो कि दरोगा मनोज कुमार मौके से फरार हो गया। इस पर अलीगढ़ पुलिस ने मनोज दरोगा पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए टीम गठित की गई। ₹20000 का इनाम भी घोषित कर दिया गया।  

दो घंटे तक चला ऑपरेशन

महिला का ट्रामा सेंटर बिल्डिंग में पहली मंजिल पर उपचार चल रहा था। मंगलवार को करीब 2 घंटे तक ऑपरेशन चला था। ऑपरेशन में दिमाग से एक मैटेलिक टुकड़ा भी निकल गया था। लेकिन ऑपरेशन के बाद महिला की हालत में कोई सुधार नहीं आया था। हालात और ज्यादा बिगड़ती चली गई। बुधवार देर रात चिकित्सकों की टीम ने महिला को मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर सुनते ही परिवार जनों का रो-रो कर बुरा हाल था। सूचना मिलते ही रिश्तेदार तथा राजनीति जनप्रतिनिधि समेत अन्य लोग मेडिकल कॉलेज की ओर दौड़ पड़े और परिवार को सांत्वना देने लगे। इसके बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया तथा जेएन मेडिकल कॉलेज से पोस्टमार्टम हाउस के लिए पुलिस की देखरेख में सुरक्षा के बीच पोस्टमार्टम कराया गया।

गैर जमानती वारंट जारी किया

वहीं, एसएसपी कला निधि द्वारा बताया गया कि दरोगा ने जो किया है। उसके लिए उसे पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट से गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया गया है। 20000 हजार रूपए का इनाम भी घोषित कर दिया है। टीम भी गठित कर दी गई है। आरक्षी सुदीप की लापरवाही मानते हुए उसको भी जेल भेज दिया गया है। पुलिस पीड़ित परिवार के साथ सहानुभूति पूर्वक खड़ी है।

कलानिधि नैथानी ने थाने के अंदर घटी घटना को लेकर जिला मजिस्ट्रेट इंद्र विक्रम सिंह को मजिस्ट्रीयल जांच के लिए प्रार्थना पत्र देते हुए मजिस्ट्रेटी की जांच कराए जाने की संस्तुति की गई थी। डीएम के द्वारा एसएसपी के प्रार्थना पत्र पर मामले की मजिस्ट्रेट की जांच करने का आदेश देते हुए अपर नगर मजिस्ट्रेट रामशंकर को पूरे घटना की एक सप्ताह में जांच पूरी करते हुए जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट प्रेषित किए जाने के निर्देश दिए गए थे।

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