Bajrang Dal: हिंदू समाज के विरुद्ध बढ़ती हिंसा को लेकर अलीगढ़ कलेक्ट्रेट में ज्ञापन

Aligarh News: हिंदू समाज के विरुद्ध बढ़ती हिंसा को लेकर अलीगढ़ कलेक्ट्रेट में बजरंग दल ने ज्ञापन सौंपा है।

Update: 2024-02-28 13:10 GMT

हिंदू समाज के विरुद्ध बढ़ती हिंसा को लेकर अलीगढ़ कलेक्ट्रेट में बजरंग दल का ज्ञापन। (pic: newstrack)

Aligarh News: देश में इस्लामिक जिहादी शक्तियों द्वारा दी जा रही गज़वा ए हिंद आदि धमकियों एवं अन्य हिंसात्मक घटनाओं के विरोध में अलीगढ़ महानगर के युवा राष्ट्रवादियों के संगठन बजरंगबल के सैकड़ों युवा पदाधिकारियों द्वारा संयोजक गौरव शर्मा के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित एक 20 सूत्रीय ज्ञापन एसीएम प्रथम विनीत दुवे को प्रेषित किया गया।

हिंदू प्रताड़ना और हिंसा का शिकार

ज्ञापन प्रेषित करते हुए गौरव शर्मा ने कहा कि जिस देश का विभाजन 1947 में सांप्रदायिकता के आधार पर हुआ उस देश में 75 वर्ष बाद भी हिंदू प्रताड़ना और हिंसा का शिकार है। साथ ही इस्लामिक जिहादी शक्तियां देश के बाहरी प्रांतों में योजनाबद्ध रूप से जनसंख्या असंतुलन तथा हिंदुओं से हिंसा की घटनाएं की जा रही है। उक्त घटनाओं को तत्काल रोके जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि इस्लामिक जिहादी शक्तियां देश में गृहयुद्ध की स्थिति उत्पन्न करना चाहते हैं। जिसे किसी भी कीमत पर कुचला जाएगा। बजरंगदल के संरक्षक अशोक चौधरी ने कहा कि भारत ही नहीं, यूरोप, मध्य एशिया सहित विश्व भर में इस्लामिक जिहादी शक्तियां विश्व शांति के लिए चुनौती बनी हुई हैं। विश्व के सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले देश होने के कारण भारत में हिंदुओं के साथ हिंसा आदि की घटनाएं अधिक हो रही हैं। उन्होंने मांग की कि संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप में सनातन संस्कृति तथा हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा को रोकने की नैतिक उत्तरदायित्व भारत सरकार को लेना चाहिए।

जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

बजरंगदल अलीगढ़ के महानगर स्तरीय पदाधिकारी दीवानी कचहरी के सामने स्थित जवाहर भवन में एकत्र हुए। एक जुलूस के रूप में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जिसका नेतृत्व अशोक चौधरी, शेखर शर्मा, संजय सिंह, रवि राठी, मोनू पंडित, अमित भारद्वाज, गीता मित्तल, गौरा पाठक आदि ने किया। इस अवसर पर बजरंगदल अलीगढ़ द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में हाल ही में घटी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदू समाज तथा सनातन संस्कृति की रक्षा करना भारत सरकार का मात्र संवैधानिक दायित्व नहीं अपितु अनिवार्य धर्म है। जिसकी निरंतर उपेक्षा की जा रही हैं । ज्ञापन में कहा गया कि विगत कई वर्षों से योजनाबद्ध तरीके से मुसलमानों द्वारा उत्तराखंड के जनसंख्या असंतुलन करने के समाचार आ रहे हैं। जगह - जगह सरकारी जमीनों पर तथा सुदूर जंगलों में अवैध मस्जिद बनाने अवैध कालोनियां बसाने और मजारें बनाने के समाचार आ रहे थे। विगत गुरुवार 8 फरवरी, 2024 को नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में सरकारी जमीन पर बने अवैध मदरसे व अवैध मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन के विरुद्ध योजनाबद्ध हमला हुआ जिस हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई। और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इसके साथ ही ज्ञापन में कहा गया कि इस घटना के दूसरे दिन 9 फरवरी 2024 को इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने बरेली में धमकी भरे लहजे में कहा कि हमारी चुप्पी को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। अब पानी सिर से ऊपर हो गया है। उसने यह भी कहा कि हमनें अपने युवाओं को नियंत्रित किया हुआ है। अगर वे अनियंत्रित हुए तो सरकार के लिए मुश्किल हो जाएगी। हम पर हमलावर हुआ तो जान से मार देंगे। तौकीर रजा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी । इसी प्रकार एक तीसरी घटना में पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां ने दर्जनों हिंदू महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया और फिर जबरन जमीनों पर कब्जा कर लिया।

मंदिरों की आय पर जजिया जैसा कर लगाने की निंदा 

ज्ञापन में विगत 22 फरवरी 2024 को उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जनपद के देवबंद में स्थित कथित इस्लामिक शिक्षा के केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने गजवा ए हिन्द (भारत पर आक्रमण) के फतवा का भी जिक्र किया है। उक्त ज्ञापन में विगत 23 फरवरी 2024 को कर्नाटक सरकार द्वारा मंदिरों की आय पर जजिया जैसा कर लगाने की निंदा भी की गई। तथा मांग की गई है कि दार उल उलूम देवबंद के अध्यक्ष मौलाना असद मदनी और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल यानी आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को राष्ट्र के विरुद्ध षडयंत्र के आरोप में गिरफ्तार किया जाए। दार उल उलूम देवबंद व इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल को राष्ट्रविरोधी घोषित किए जाए। ज्ञापन में मांग की गई है कि कर्नाटक सरकार द्वारा हिंदुओं को अपमानित करने हेतु मंदिरों पर कर लगाए गए। अनैतिक अव्यवहारिक कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024 जैसे इस्लामिक शरीयत से प्रभावित जजिया जैसा कानून बनने की सभी संभावनाएं समाप्त करने हेतु संविधान में प्रावधान किए जाए तथा देश के सभी मंदिरों का धन हिंदू सनातन समाज के उत्थान पर ही व्यय किया जाए। साथ ही ज्ञापन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय का अल्पसंख्यक स्वरूप तत्काल समाप्त करने की मांग की गई।

CAA लागू करने की मांग

ज्ञापन में मांग की गई कि इस्लाम द्वारा अमान्य घोषित देश भर में सरकारी जमीनों पर बनी पक्की मजारों नेस्तनाबूद किया जाए। साथ ही देश भर में चल रहे सभी मदरसे तत्काल बंद किए जाएं। ज्ञापन में वक्फ एक्ट समाप्त हो कर संपूर्ण राष्ट्र में समान नागरिक संहिता लागू करने भी मांग लागू करने, 1975 में पारित 42 वां संविधान संशोधन रद्द करने तथा प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट समाप्त करने के साथ ही राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) व CAA (नागरिकता संशोधन कानून, 2019) तत्काल लागू करने की मांग की गई है।

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