Aligarh: तीमारदार-डॉक्टरों में झड़प, जेएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी ठप, मरीजों का बुरा हाल

Aligarh: तीमारदार अपने मरीज को लेकर अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में पहुंचा तो मरीज के ज्यादा खून बह जाने के कारण उसके द्वारा डॉक्टर से जल्द इलाज करने की बात कही।

Update:2024-08-26 14:02 IST

अलीगढ़ में तीमारदार-डॉक्टरों में झड़प (न्यूजट्रैक)

Aligarh News: जहां एक ओर डॉक्टरों को पृथ्वी का भगवान कहा जाता है। तो वहीं दूसरी ओर अलीगढ़ में डॉक्टर द्वारा मरीज के बहते हुए खून को भी नजर अंदाज कर दिया जाता है। जिसकी तस्वीरें हर रोज देखने को मिलती है। यही कारण है कि इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों से हर रोज तीमारदारों की भिड़ंत होती है। हर रोज तमाम घटनाओं के कारण डॉक्टरों के मनोबल बढ़ते नजर आते हैं। तीमारदार अपने मरीज को लेकर अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में पहुंचा तो मरीज के ज्यादा खून बह जाने के कारण उसके द्वारा डॉक्टर से जल्द इलाज करने की बात कही। इस बात को लेकर डॉक्टर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई। इसी बात पर डॉक्टर और मरीजों में कहासुनी हो गयी।

तीमारदार के द्वारा डॉक्टर के साथ हाथापाई कर दी गई। वहीं आरोप ये भी है कि डॉक्टर द्वारा भी तीमारदार के साथ हाथापाई की गयी। घटना के बाद इमरजेंसी सेवा को ठप कर दिया गया। जिसके चलते दर्जनों मरीज बिना इलाज के ही वापस लौट गये। इससे नाराज होकर तमाम मरीजों के द्वारा डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं दूसरी ओर मौके पर पहुंचे समाजवादी पार्टी के छात्र सभा के पूर्व अध्यक्ष मोहसिन मेवाती द्वारा डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाये गये।

उन्होंने कहा है कि जिस तरह से हर रोज डॉक्टरों द्वारा तीमारदारों के साथ बदसलूकी की जाती है। इसको लेकर कठोर निर्णय लेने की जरूरत है। जहां एक ओर डॉक्टर के द्वारा मरीजों का सही से इलाज नहीं किया जाता है। जब तीमारदार इस चीज का विरोध करते हैं। तो डॉक्टर के द्वारा तीमारदारो के साथ मारपीट की जाती है। और कामकाज बंद करते हुए इमरजेंसी सेवा को ठप कर दिया जाता है। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की सख्त जरूरत है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तारी कर लिया है।

क्या कहते हैं डॉक्टर

पूरे मामले पर कैमरे पर बिना बोलने पर डॉक्टर द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया हर रोज डॉक्टर के साथ मारपीट की घटना होती है। जिसको लेकर कोई भी सुरक्षाकर्मी या तैनात नहीं है। डॉक्टर को लेकर सुरक्षा कानून की जरूरत है। तब तक कोई सुरक्षा कानून या फिर सुरक्षा कर्मी यहां तैनात नहीं रहेंगे। तब तक यहां पर हड़ताल ऐसे ही चलती रहेगी।

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