Aligarh News: ‘ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली औरत से करो शादी’, UCC लागू हुआ तो देश में मच जाएगा कोहराम, जमीयत नेता का बयान
Aligarh News: जमीयत महानगर अध्यक्ष ने कहा- समान नागरिक संहिता से सभी धर्मों के लोगों के माइंड को डाइवर्ट करने की हो रही कोशिश, 2024 चुनावों की हो रही तैयारी।
Aligarh News: समान नागरिक संहिता बिल को लेकर भारत में चारों तरफ चर्चाएं जारी हैं। इन सबके बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महानगर अध्यक्ष मोहम्मद अकबर कासमी ने यूसीसी यानी समान नागरिकता कानून बिल को लेकर कहा कि भारत में यूसीसी कानून नहीं बनना चाहिए। मजहब ने मुसलमानों को जो आजादी दी है। इस बिल के आने के बाद मुसलमानों की वह आजादी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
श्रद्धांजलि सभा का किया गया आयोजन
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महानगर अध्यक्ष मौलाना ने कहा कि यदि यूसीसी कानून लागू होगा तो देश में कोहराम मच जाएगा। अलीगढ़ जिले की ऊपरकोट कोतवाली क्षेत्र की जामा मस्जिद में जमीयत की तरफ से हजरत मौलाना सैयद ताहिर हुसैन के निधन के बाद शहर मुफ्ती खालिद हमीद की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जहां श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महानगर अध्यक्ष मौलाना अकबर कासमी ने कहा कि कुरआन-ए-पाक पर ही अमल किया जाएगा। यूसीसी कानून बनाने से कुछ नहीं होगा। ये कानून बनाए जाने से मुसलमानों को परेशानी और दुश्वरी होगी। इससे देश में कोहराम मच जाएगा।
बच्चों को लेकर अब मुसलमान भी पहले की अपेक्षा ज्यादा जागरूक
मुसलमानों के द्वारा ज्यादा बच्चे पैदा किए जाने और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके साथ में मौजूद मौके पर खड़े इन सभी मुसलमानों के पूछा जाए, तो उनके पास दो से तीन बच्चे ही हैं। इससे ज्यादा बच्चे इन लोगों के पास नहीं है। जबकि बच्चों को लेकर अब मुसलमान भी पहले की अपेक्षा खासतौर पर जागरूक हो चुका है। वो अपने हालातों को जानता है। इसलिए जनसंख्या वृद्धि पर पाबंदी लगाना बिल्कुल भी मुनासिब नहीं होगा। जबकि निजाम ने इस्लाम पर जो कानून बनाया है। उसी पर ही उनके द्वारा अमल किया जाएगा।
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‘असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश’
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महानगर अध्यक्ष मौलाना अकबर कासमी ने कहा कि कुछ लोग यूसीसी के जरिए हम मुस्लिम, सिख, ईसाई धर्म के लोगों का माइंड को डाइवर्ट कर दोबारा अपना वोट बैंक बनाना चाहते हैं। इस बात को कानून लाने वाले लोग भूल जाएं। जबकि हिंदुस्तान को गंगा जमुनी तहजीब कहा जाता है। जिसमें सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलजुल कर खाते-पीते और बिजनेस करते हैं।
‘जनसंख्या नियंत्रण कानून से शरीयत और इस्लाम पर कोई फर्क नहीं’
उन्होंने जनसंख्या कानून लाने को लेकर कहा कि ऊपर वाला जब देने पर आता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। किसी घर में 10 बच्चे, चार बच्चे किसी के घर में दो बच्चे और किसी के घर में एक बच्चा है। जिसको न हम रोक सकते हैं। न ही मौजूदा सरकार रोक सकती हैं। कहा कि मैं साफ शब्दों में कहता हूं कि अल्लाह पाक के रसूल ने फरमाया है कि ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली औरत से ही शादी करो। इसके साथ ही कहा कि हम अपने रसूल के कानून को फॉलो करेंगे। जनसंख्या नियंत्रण कानून से शरीयत और इस्लाम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ये इनकी सोच हैं। इसलिए जनसंख्या कानून की सोच को यह लोग अपने पास ही रखें।