Martyred Sachin Laur: तिरंगे में लिपटा सचिन लौर का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, रो पड़े हजारों लोग, शहीद ताऊ की समाधि के बगल दी गई अंतिम विदाई
Martyred Sachin Laur: सेना के वाहनों के साथ हजारों की संख्या में लोग हाथों में तिरंगा लेकर सचिन की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। गांव में ही शहीद सचिन को सैनिक सम्मान के साथ सलामी दी गई।
Martyred Sachin Laur: शहीद सचिन लौर का पार्थिव शरीर शुक्रवार की देर शाम उनके पैतृक गांव नगरिया गौरौला गांव पहुंचा। सेना के वाहनों के साथ हजारों की संख्या में लोग हाथों में तिरंगा लेकर सचिन की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। गांव में ही शहीद सचिन को सैनिक सम्मान के साथ सलामी दी गई। शहीद बेटे सचिन का पार्थिव शरीर देखकर मां के साथ पूरा गांव रो रहा था। शहीद की एक झलक पाने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी हुई थी। मां की ममता शहीद बेटे के पार्थिव शरीर से कह रही थी कि मेरे लाल ने उन आतंकवादियों का आखिर क्या बिगाड़ा था, उस समय मंजर मातमी हो गया। बुजर्ग पिता ने अपने जवान बेटे की अर्थी को रोते हुए कांधा दिया। शहीद सचिन का अंतिम संस्कार देर रात उनके ताऊ की समाधि के पास ही किया गया।
शहीद सचिन लौर का शव पहुंचते ही लगे नारे
गुरुवार को बेटे की शहादत की खबर मिलने के बाद से ही पूरे गांव में मातम पसर गया था। शुक्रवार की सुबह से ही शहीद के पार्थिव शरीर पहुंचने का पूरा क्षेत्र इंतजार कर रहा था। शुक्रवार देर शाम करीब 7:30 बजे सेना की गाड़ी में शहीद सचिन का पार्थिव शरीर अलीगढ़ पलवल हाईवे स्थित आगरा नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे इंटरचेंज कट के पास पहुंचा। वहां मौजूद लोग नारे लगाने लगे, जब तक सूरज चांद रहेगा, सचिन लौर तेरा नाम रहेगा। शहीद सचिन का पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ उनके गांव लाया गया। गांव में ही शहीद सचिन को सैनिक सम्मान के साथ सलामी दी गई। जिले के वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए पुलिस ओर जिला प्रशासन अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों सहित अन्य लोग भी पहुंचे। इसके बाद सब ने बारी-बारी से पुष्प अर्पित कर शहीद सचिन को श्रद्धांजलि दी।
ताऊ की समाधि के पास सचिन लौर का अंतिम संस्कार
शहीद के पड़ोसी अश्वनी चौधरी ने बताया कि करगिल युद्ध के वक्त सचिन के ताऊ मांगेराम 1999 में शहीद हुए थे। उनका अंतिम संस्कार नागलिया गौरोला गांव के बाहर उनके खेत में किया गया था। शुक्रवार की देर रात करीब 9:30 शहीद सचिन लौर का अंतिम संस्कार ताऊ की समाधि के पास में ही किया गया।
2021 में स्पेशल फोर्स में कमांडो बने थे सचिन लौर
बता दें जम्मू कश्मीर के राजौरी में 22 नवंबर को सुरक्षा बल और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। आतंकियों के साथ हुई इस मुठभेड़ अलीगढ़ जनपद के थाना टप्पल इलाके के नगरिया गौरौला गांव निवासी सचिन लौर (24 वर्ष) शहीद हो गए थे। पैरा कमांडो सचिन लौर 2019 में सेना में भर्ती हुए थे। सचिन 2021 में स्पेशल फोर्स में कमांडो बने। वर्तमान में वह राजौरी में पैरा टू रेजीमेंट में तैनात थे।