Sandeshkhali violence के खिलाफ वाल्मिकी सेना और VHP ने किया विरोध

Aligarh News: महर्षि वाल्मिकी सेना व विश्व हिंदू परिषद ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मे निरंतर महिलाओ के साथ हो रहे यौन उत्पीड़न की घटनाओ को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है।

Update:2024-03-09 17:10 IST

संदेशखाली घटना के खिलाफ लोगों का विरोध। (Pic: Newstrack)

Aligarh News: रामलीला मैदान में महर्षि वाल्मिकी सेना व विश्व हिंदू परिषद(VHP) ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में निरंतर महिलाओं के साथ हो रहे यौन उत्पीड़न व उनके परिवार के साथ बर्बरता की घटनाओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में ममता बनर्जी मुर्दाबाद के नारे लगाे।

राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

संदेशखाली मे हो रही इन घटनाओं के विरोध में महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जानकारी देते हुए राहुल चेतन ने कहा की संदेशखाली में महिलाओं पर और परिवारों पर हो रहे अत्याचारों का हम विरोध करते हैं। 47 दिन पहले ईडी के अधिकारियों पर हमला होने के बाद संदेशखाली घटनाएँ सामने आ सकीं। बच्चों और महिलाओं के साथ बर्बरता पूर्वक व्यवहार, यौन उत्पीड़न, मार-पीट की अनेकों घटनाएं लगातार निकलकर सामने आ रही हैं। यह केवल पश्चिम बंगाल प्रशासन और पुलिस विभाग की नाकामी का नमूना नहीं है। इसमें धार्मिक और रजनीतिक मुद्दे भी हैं। इन घटनाओं से पश्चिम बंगाल की महिलाओं एवं बच्चें की सुरक्षा की चिंताजनक स्थिति सामने आई है। स्थिति इतनी भयानक है कि कई दिनों से हो रहे अत्याचारों की घटनाओं के बाद भी पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की थी।

महिलाओं को मुद्दा बना कर हो रही राजनीति

आर्थिक, राजनैतिक तथा धार्मिक मुद्दों से महिलाओं को 'साधन' बनाना अपमानजनक,दुर्व्यवहार और निंदाजनक है। हम इन घटनाओं का विरोध करते हैं। हम महार्षि वाल्मीकि सेना के द्वारा मांग करते हैं कि लोकतंत्र में हो रहे महिला एवं मानवाधिकारों के उल्लंघन पर तुरंत कड़ी कारवाई कि जाए। सभी पीड़ित महिलाओं, बच्चों एवं परिवारों को सुरक्षा एवं आर्थिक सहायता तुरंत प्रदान की जाए। महिलओं पर होने वाले इन अत्याचारों की कैमरे के जरिए पूछताछ की जाए। इन विशिष्ट घटनाओं पर बोलने के लिए एक स्वतंत्र हेल्पलाईन नंबर उपलब्ध करवा देना चाहिए। जिससे महिलाएं बिना किसी डर के अपनी बात कह सकें। निष्पक्ष जांच के लिए इस मामले को दूसरे राज्य में स्थानंतरिक किया जाए। राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा दखल देने का हम स्वागत करते हैं। 

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