Aligarh News: अयोध्या के लिए रवाना हुआ दुनिया का सबसे बड़ा ताला, राम मंदिर की करेगा सुरक्षा

Aligarh News: ताले का निर्माण राम मंदिर के लिए अलीगढ़ के ज्वालापुरी क्षेत्र में रहने वाले स्वर्गीय सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मिणी देवी कर रहे थे। लेकिन कुछ आर्थिक स्थिति की वजह से वह इसको पूरा नहीं कर पाए

Update:2024-01-19 16:46 IST

 Aligarh News (Pic:Newstrack)

Aligarh News: अयोध्या धाम में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव महामंडलेश्वर डॉ.अन्नपूर्णा भारती के लिए भी निमंत्रण आया है। वह आज अलीगढ़ में निर्मित 400 किलो के ताले को लेकर अयोध्या के लिए रवाना हो गई। इस ताले का निर्माण राम मंदिर के लिए अलीगढ़ के ज्वालापुरी क्षेत्र में रहने वाले स्वर्गीय सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मिणी देवी कर रहे थे। लेकिन कुछ आर्थिक स्थिति की वजह से वह इसको पूरा नहीं कर पाए और इस बीच सत्य प्रकाश शर्मा का निधन हो गया। उसके बाद महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने इस ताले को उनके परिजनों से खरीद लिया और शेष कार्य को अपने यहां पूर्ण कराकर अब इस ताले को लेकर अयोध्या के लिए रवाना हो गई है। ताकि इस ताले से अयोध्या में अलीगढ़ की पहचान पूरी दुनिया में हो सके।

महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने बताया कि देखिए अलीगढ़ की जनता और अलीगढ़ का प्रसिद्ध प्रतीक चिन्ह वह ताला हम प्रभु श्री राम के चरणों में समर्पित करने जा रहे हैं। क्योंकि यशस्वी प्रधानमंत्री जी भी अलीगढ़ को तालानगरी के नाम से संबोधित करते हैं। यहां की यह बहुत बड़ी पहचान है। तो ऐसे में यह ताला जब वहां पर रखा जाएगा तो अंतरराष्ट्रीय स्तर के लोग वहां पहुंच रहे हैं। और इसको देखेंगे तो अलीगढ़ के ताला जगत के उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले इसलिए इसको प्रभु श्री राम के चरणों में समर्पित कर रहे हैं और जो विरोधी लोग अब तक चिल्लाते थे कि राम मंदिर कब बनेगा, बनेगा भी या नहीं बनेगा। खाली एजेंडा है। उनके मुंह पर भी यह एक ताला है। मैं और मेरी मां बगलामुखी की टीम वहां पर पहुंच रहे हैं।

रास्ते में भक्त लोग भी मिलेंगे। अलीगढ़ में भी सारे भक्त लोग मिलेंगे। सभी सनातनी है। सभी अलीगढ़ वासी है। और हम पहुंच रहे हैं। साथ में हमारे गुरु रवींद्र पुरी जी महाराज वह लखनऊ में मिलेंगे। सत्य प्रकाश शर्मा जी जिनका यह सपना था वह इसको बना रहे थे लेकिन उनका निधन हो गया। ऐसे में उनका सपना यह अधूरा रह गया। जब हमारे ये संज्ञान में आया कि कोई इसको पहचान देना चाहते तो हमने इसको खरीद और इस पर काम करवाया और इसको प्रभु श्री राम के चरणों में प्रेषित करने जा रहे हैं।


 

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