इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट में पिछले 150 साल के सभी मुकदमों की जानकारी अब एक क्लिक पर सीधे उपलब्ध हो सकेगी। हाईकोर्ट में बनकर तैयार सूचना तकनीकी केन्द्र 12 मार्च से कार्य करने लगेगा। इसका विधिवत उद्घाटन भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर 12 मार्च को शाम 6.30 बजे करेंगे।
दो हजार वर्ग फीट एरिया में बना है यह केंद्र
सेंटर में एक वर्ष के भीतर एक करोड़ मुकदमों का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा। एक साथ में 50 करोड़ पृष्ठों की स्कैनिंग कर कम्प्यूटर डाटा में दर्ज कर दिया जाएगा। इस कार्य के लिए दो हजार वर्ग फीट एरिया में दो मंजिला भवन अत्याधुनिक साजसज्जा और मशीनरी के साथ बनकर तैयार है। इसकी जानकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ.डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार शाम को दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट देश का पहला सूचना तकनीकी केंद्र
मुख्य न्यायाधीश डॉ.डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसी सूचना तैयार करने वाला केंद्र इलाहाबाद हाईकोर्ट देश का पहला हाईकोर्ट होगा। इस भवन में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए स्वतंत्र पावर फीडर अग्निशमन यंत्र, वीआरबी कूलिंग सिस्टम व सुरक्षा सिस्टम अपनाया गया है। भवन में बायोमैटिंक कार्ड के जरिए ही प्रवेश की अनुमति होगी। मुख्य न्यायाधीश डॉ.डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि फाइलों की अधिक संख्या को रखने व उनकी जानकारी दे पाने में आ रही कठिनाइयां दूर होगी।
35 हजार निर्णीत मुकदमों की फाइलों का प्रतिदिन तैयार होगा डाटा
स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया को स्कैनिंग व डिजिटलाइजेशन के लिए चयनित किया गया है। राज्य सरकार ने कोर्ट परिसर से सटी जमीन उपलब्ध कराई, जिसे मुख्य भवन को कवर्ड पाथ से जोड़ा गया है। सेंटर में कन्टेंट मैनेजमेंट सिस्टम एवं डाक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत कार्य होगा। इसी तरह की व्यवस्था लखनऊ पीठ में भी की गई है। न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता ने सेंटर की कार्यप्रणाली की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 30 लाख फाइलों का डाटा तैयार हो चुका है।