इलाहाबाद उच्च न्यायालय: बिना सुनवाई सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस रद्द करना गलत

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि बिना सुनवाई का मौका दिये सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस निरस्त करना सही नहीं है। कोर्ट ने याची को एक माह में कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

Update: 2019-04-02 14:51 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि बिना सुनवाई का मौका दिये सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस निरस्त करना सही नहीं है। कोर्ट ने याची को एक माह में कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति एम.सी.त्रिपाठी ने अमर नाथ यादव की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अरविन्द कुमार मिश्र ने बहस की। इनका कहना था कि याची की सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस निलंबित कर कारण बताओ नोटिस दी गयी किन्तु बीमारी के चलते जवाब आपत्ति दाखिल नहीं कर सका।

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इसके बाद उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। आयुक्त विंध्याचल, मिर्जापुर ने अपील भी खारिज कर दी। याची का कहना था कि उसके खिलाफ कंट्रोल आर्डर 04 के तहत कार्यवाही की गयी। यह समाप्त हो चुका है। 2016 में शासनादेश जारी किया गया है। याची के खिलाफ की गयी कार्यवाही क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर की गयी है।

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कोर्ट ने कहा है कि सुनवाई का मौका दिये बगैर सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस निरस्त करना अवैध है। कोर्ट ने 10 अगस्त 16 के शासनादेश के तहत नये सिरे से कार्यवाही करने की छूट दी है।

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