भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी पर मांगा जवाब, निरंकारी भवन निवासियों की बेदखली पर रोक

अधिवक्ता मुजीब अहमद सिद्दीकी का कहना है कि याची ने कट आफ मार्क से अधिक अंक प्राप्त किये है। कट आफ मार्क सामान्य श्रेणी 128.62 है और याची ने 131.66 अंक प्राप्त किये है। हर टेस्ट में सफल घोषित किया गया। जब अंतिम परिणाम आया तो याची का नाम सूची में नहीं है।

Update: 2019-08-07 15:45 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की दीवानी अदालतों में तृतीय श्रेणी भर्ती में अनियमितता के खिलाफ याचिका पर हाईकोर्ट की अधिवक्ता बुशरा मरियम से 9 अगस्त तक जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने दीपिका दीक्षित की याचिका पर दिया है।

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याची अधिवक्ता मुजीब अहमद सिद्दीकी का कहना है कि याची ने कट आफ मार्क से अधिक अंक प्राप्त किये है। कट आफ मार्क सामान्य श्रेणी 128.62 है और याची ने 131.66 अंक प्राप्त किये है। हर टेस्ट में सफल घोषित किया गया। जब अंतिम परिणाम आया तो याची का नाम सूची में नहीं है। बिना कोई कारण बताए उसे चयनित नहीं किया गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सन्त निरंकारी भवन कृष्णनगर कीडगंज प्रयागराज व सत्संग भवन सन्त निरंकारी मण्डल से निवासियों को बिना कानूनी प्रक्रिया के जबरन बेदखली पर रोक लगा दी है। विवादित भवन को रेलवे की जमीन बताते हुए याचियों को खाली करने की नोटिस दी गयी और कहा गया कि खाली न करने पर उनके भवन ध्वस्त कर दिए जाएंगे। जिसे याचिका में चुनौती दी गयी थी।

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यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति एस. एस. शमशेरी की खंडपीठ ने सन्त निरंकारी मण्डल की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एम.डी. सिंह शेखर का कहना था कि कोर्ट के जिस फैसले के आधार पर रेलवे कार्यवाही कर रही है, वह उन पर लागू नहीं होता। उस मुकदमे में वह पक्षकार नही थे और भूमि का याचियों ने बैनामा कराया है। पिछले कई दशकों से वे निवास कर रहे हैं। जबरन बेदखल करना उनके विधिक अधिकारों का हनन है।

 

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