हाईकोर्ट : चिल्ड्रेन अस्पताल की दुर्दशा से खफा, प्रमुख सचिव से माँगा हलफनामा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधि छात्रों  की जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए सरोजनी नायडू चिल्ड्रेन अस्पताल की दुर्दशा पर आज नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि वहाँ बीमार  बच्चों के बेड व उनके इलाज के लिए जरूरी उपकरणों की कमी है। वहाँ

Update: 2018-06-04 13:49 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधि छात्रों की जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए सरोजनी नायडू चिल्ड्रेन अस्पताल की दुर्दशा पर आज नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि वहाँ बीमार बच्चों के बेड व उनके इलाज के लिए जरूरी उपकरणों की कमी है। वहाँ गंदगी का अंबार रहता है और जानवर टहलते रहते है। बेड की कमी है और रोगी बच्चों की संख्या अधिक है। विधि छात्रों ने जनहित याचिका में रोगी बच्चों व तीमारदारों को आए दिन अस्पताल में आ रही परेशानियों को उजागर किया है तथा इस पर कोर्ट का ध्यान आकृष्ट कर समुचित आदेश निर्गत करने की माँग की गयी है।

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मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस पंकज मित्तल व जस्टिस जयंत बनर्जी ने विधि छात्रा श्रिया राजे व कई अन्य की याचिका पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा, प्रधानाचार्य मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज इलाहाबाद, व सीएमओ से सभी का हलफनामा माँगा है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि अधिकारियो के हलफनामे से कोर्ट संन्तुष्ट नही होगी तो वह सभी अधिकारियो को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश देगी । जनहित याचिका पर अदालत ने जुलाई में पुनः सुनवाई करने का आदेश दिया है।

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