HC: योगी के खिलाफ आपराधिक याचिका पर निर्णय सुरक्षित, 2007 में भड़काऊ भाषण का है आरोप

अवर न्यायालय ने अर्जी खारिज कर दी तो उसके खिलाफ हाईकोर्ट में निगरानी दाखिल की गयी। हाईकोर्ट के आदेश पर कैन्ट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में मुकदमे की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गयी।

Update: 2017-03-24 13:19 GMT

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के खिलाफ दाखिल आपराधिक रिट याचिका पर निर्णय सुरक्षित कर लिया है। योगी के खिलाफ 2007 में हुए साम्प्रदायिक दंगे की जांच किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी से कराने की मांग की गयी है। इस मामले में आदित्यनाथ योगी के अलावा राधामोहन अग्रवाल, अंजू चैधरी आदि के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज है।

फैसला सुरक्षित

याचिका पर न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति के.पी.सिंह की पीठ ने सुनवाई के दौरान निर्णय सुरक्षित कर लिया है।

याची के अधिवक्ता सैयद फरमान नकवी के मुताबिक 2007 में गोरखपुर में साम्प्रदायिक दंगा हुआ था।

दंगा भड़काने के आरोप में महंत योगी आदित्यनाथ, राधा मोहन, अंजू चौधरी आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज की अर्जी मो.परवाज परवेज,

अशद हशमत ने अधीनस्थ न्यायालय में दी।

अवर न्यायालय ने अर्जी खारिज कर दी तो उसके खिलाफ हाईकोर्ट में निगरानी दाखिल की गयी।

हाईकोर्ट के आदेश पर कैन्ट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में मुकदमे की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गयी।

याचीगण ने पुनः हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराने की मांग की।

कहा गया कि यूपी पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है।

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