नातिन भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटे का लाभ पाने के हकदार : HC
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि स्वतंत्रता सेनानी की नातिन भी स्वतंत्रता सेनानी कोटे का लाभ पाने की हकदार है।
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि स्वतंत्रता सेनानी की नातिन भी स्वतंत्रता सेनानी कोटे का लाभ पाने की हकदार है। कोर्ट ने याची को सेनानी आश्रित मानते हुए नियुक्ति पर विचार करने से इंकार करने के 8 जून 2017 के आदेश को रद्द कर दिया है और बेसिक शिक्षा अधिकारी को छह सप्ताह में ईशा त्यागी केस के फैसले के तहत नियुक्ति कर नियमानुसार उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस पी.के.एस.बघेल ने मोनिका की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
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क्या कहना है याची का ?
-वह सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की योग्यता रखती है।
-उसने 40 जिलों में 72825 अध्यापकों की भर्ती विज्ञापन के तहत आवेदन किया।
-उसमें आजमगढ़ शामिल है।
-याची स्वतंत्रता सेनानी स्व.हरदेव सिंह की पुत्री गाजीपुर निवासी श्रीमती पुष्पा देवी की बेटी है।
-उसने भी आवेदन किया था।
-उसकी अर्जी को डायट के प्रधानाचार्य ने 8 जून 2017 के आदेश से इंकार कर दिया।
-याची को सेनानी आश्रित नहीं माना गया।
-याची स्वतंत्रता सेनानी की शादीशुदा नातिन है।
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कोर्ट ने ईशा त्यागी केस के हवाले से प्रत्यावेदन निर्णीत करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत सुप्रीम कोर्ट का आदेश पूरे देश पर बाध्यकारी है। सुप्रीम कोर्ट में मेसर्स ईस्ट इंडिया कामर्शियल कंपनी लिमिटेड में स्पष्ट कहा है कि हाईकोर्ट का आदेश भी प्रदेश की अदालतों, अधिकरणों व प्राधिकारियों पर बाध्यकारी है। ऐसे में बीएसए ईशा त्यागी के फैसले को मानने के लिए बाध्य है। त्यागी केस में नातिन को भी सेनानी आश्रित करार दिया गया है। जिस पर कोर्ट ने 6 हफ्ते में निर्णय लेने का आदेश दिया है।