इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, है कि मृतक कर्मचारी की मौत की वजह स्पष्ट न होने से आश्रित को नियुक्ति देने से इंकार करना गलत है। कोर्ट ने कहा, कि मृतक आश्रित सेवा नियमावली के अंतर्गत आश्रित की नियुक्ति पाने का अधिकारी है।
कोर्ट ने इलाहाबाद पंचायतराज विभाग द्वारा चंदन राज गोपाल को आश्रित के रूप में नियुक्ति से इंकार करने के आदेश तथा उसकी चुनौती याचिका खारिज करने के आदेशों को रद्द कर दिया है। साथ ही राज्य सरकार को नियमानुसार नए सिरे से याची की नियुक्ति पर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
क्या है मामला?
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी की खंडपीठ ने चंदन राज गोपाल की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए दिया है। याची के पिता गोपाल कृष्ण मिश्र सोरांव में पंचायत राज विभाग में सेवारत थे। सेवाकाल में उनकी मौत हो गई। मौत संदिग्ध होने के कारण प्राथमिकी दर्ज की गई। विवेचना सीबीसीआईडी कर रही है।
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अर्जी खारिज कर दी थी
संदेह व्यक्त किया गया कि मौत हत्या या आत्महत्या से हुई है। मृतक कर्मचारी के पुत्र यानि याची ने मृतक आश्रित के रूप में नियुक्ति की मांग की। जिला विकास अधिकारी ने यह कहते हुए अर्जी खारिज कर दी, कि उसके पिता की मौत की वजह स्पष्ट नहीं है जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। एकलपीठ ने याचिका खारिज कर दी। कहा, कि 'प्राथमिकी की विवेचना चल रही है। मौत का कारण स्पष्ट नहीं है।'
अपील में ये दिया तर्क
अपील में तर्क दिया गया आश्रित की नियुक्ति में मृत्यु के कारण असंगत हैं। नियमावली में कमाने वाले सदस्य की अचानक मौत से उत्पन्न आर्थिक कठिनाई से निपटने की राहत योजना के तहत परिवार के एक सदस्य को नियुक्ति करने की व्यवस्था है। खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को गलत माना और नियमानुसार नियुक्ति करने का विभाग को आदेश पारित किया।