इलाहाबाद: लखनऊ में वकील की हत्या के विरोध में बुधवार को हुए बवाल पर हाईकोर्ट बेहद गंभीर है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में सात जजों की वृहदपीठ ने प्रकरण पर स्वतः संज्ञान लिया है। प्रमुख सचिव गृह से घटना की जांच रिपोर्ट और हिंसा में शामिल रहे लोगों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। यह भी पूछा है कि कोर्ट परिसर में किसके आदेश से पुलिस घुसी, आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।
पुलिस कार्रवाई की भी मांगी रिपोर्ट
-कोर्ट ने राज्य सरकार से लखनऊ बवाल में पुलिस की भूमिका पर भी रिपोर्ट मांगी है। पूछा है कि लाठीचार्ज पर क्या कार्रवाई की गई?
-प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से अपील की है कि वह घटना से संबंधित फोटोग्राफ उपलब्ध कराएं।
-वृहदपीठ ने कहा कि वह इस मामले की मॉनीटरिंग करेंगे। अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।
कोर्ट की सुरक्षा पर चिंता
-कोर्ट ने टिप्णणी करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था और अदालतों की सुरक्षा पर खतरा पैदा करने वालों की जवाबदेही तय करनी चाहिए।
-हाईकोर्ट न्यायालयों की सुरक्षा को सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं छोड़ सकता। इसमें हस्तक्षेप कर मॉनीटरिंग की जाएगी।
-वृहदपीठ ने न्यायालयों की सुरक्षा कड़ी करने का आदेश दिया है।
रिवॉल्वर वाले वकील के प्रवेश पर रोक
-कोर्ट ने बार काऊंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश, सेंट्रल बार एसोसिएशन और अवध बार एसोसिएशन के सचिवों को नोटिस जारी किया है।
-एक वकील की हाथ में पिस्टल लिए तस्वीर अखबारों में छपी इसे देखकर उसकी किसी कोर्ट में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
-वकील की पहचान विशाल दीक्षित के रूप में की गई है।
-लखनऊ बेंच की सुरक्षा में लगी सीआरपीएफ और पुलिस को निर्देश दिया है कि कोर्ट परिसर में किसी को भी शस्त्र लेकर प्रवेश ना करने दिया जाए।
-वकीलों के वाहनों की पार्किंग स्थल की भी सुरक्षा का निर्देश दिया है ताकि वकीलों के वाहन को कोई क्षति ना पहुंचा सके।
-बवाल के दैारान लखनऊ बेंच के सीनियर रजिस्ट्रार कार्यालय में तोड़फोड़ और बदसलूकी की घटना की भी रजिस्ट्रार से रिपोर्ट मांगी है।
वृहदपीठ में ये थे शामिल
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस राकेश तिवारी, जस्टिस वीके शुक्ला, जस्टिस अरूण टंडन, जस्टिस तरूण अग्रवाल, जस्टिस दिलीप गुप्ता और जस्टिस एसएस चैहान ने दिया।