HC का सख्त निर्देश, गलत नियमित हुए लिपिकों को नौकरी से हटाया जाए

हाईकोर्ट ने सभी संबंधित जिलाधिकारियों के लिए ऐसा करने का आदेश निर्गत करने को कहा है तथा कार्यवाही रिपोर्ट तलब की है। यूपी सरकार के रजिस्ट्रेशन विभाग में दैनिक कर्मियों को नियमित करने में हुई धांधली को दुरूस्त करने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से कुछ और समय की मांग की। कोर्ट ने प्रमुख सचिव से कहा है कि यदि पाया जाता है तो गलत नियुक्तियों से राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ है तो वह गलत इसकी भरपाई जवाब देह अधिकारियों के वेतन से करें।;

Update:2016-10-18 21:18 IST

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के प्रमुख सचिव वित्त को निर्देश दिया है कि वह रजिस्ट्रेशन विभाग में गलत नियमित हुए क्लर्काें की जांच कर उन्हें हटाने की कार्यवाही करें।

यहीं नहीं हाईकोर्ट ने सभी संबंधित जिलाधिकारियों के लिए ऐसा करने का आदेश निर्गत करने को कहा है तथा कार्यवाही रिपोर्ट तलब की है। यूपी सरकार के रजिस्ट्रेशन विभाग में दैनिक कर्मियों को नियमित करने में हुई धांधली को दुरूस्त करने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से कुछ और समय की मांग की।

कोर्ट ने प्रमुख सचिव से कहा है कि यदि पाया जाता है तो गलत नियुक्तियों से राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ है तो वह इसकी भरपाई जवाब देह अधिकारियों के वेतन से करें।

याचिका की सुनवाई कोर्ट 8 नवंबर को करेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन और न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खण्डपीठ ने उत्तर प्रदेश राज्य की तरफ से दायर सैकड़ों अपीलों की सुनवाई करते हुए दिया है।

हाईकोर्ट ने सभी संबंधित जिलाधिकारियों के लिए ऐसा करने का आदेश निर्गत करने को कहा है तथा कार्यवाही रिपोर्ट तलब की है। यूपी सरकार के रजिस्ट्रेशन विभाग में दैनिक कर्मियों को नियमित करने में हुई धांधली को दुरूस्त करने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से कुछ और समय की मांग की।

कोर्ट ने प्रमुख सचिव से कहा है कि यदि पाया जाता है तो गलत नियुक्तियों से राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ है तो वह इसकी भरपाई जवाब देह अधिकारियों के वेतन से करें।

मालूम हो कि खगेस कुमार केस में रजिस्ट्रेशन विभाग के दैनिक कर्मियों को वरिष्ठता सूची के आधार पर नियमित करने का आदेश दिया गया। किंतु विभाग के अधिकारियों ने मनमानी की और अपात्रों को नियमित नियुक्ति दे दी जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करने और गलत हुई नियुक्ति को रद्द करने का निर्देश दिया। जिसे अपील में चुनौती दी गई है।

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