HC से UP सरकार को झटका, अवैध खनन की CBI जांच रोकने की अर्जी खारिज

Update: 2016-09-09 10:13 GMT
मियां बीवी राजी....पर तंग कर रहा ब्यूरोक्रेसी! HC ने प्रमुख सचिव लाॅ को किया तलब

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने अवैध खनन मामले में सीबीआई जांच की मांग रोकने की यूपी सरकार की अपील को खारिज करते हुए शुक्रवार को बड़ा झटका दिया है। चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की बेंच ने ये आदेश दिया है।

अवैध खनन पर कोर्ट ने कहा था कि CBI के आलावा नहीं है कोई रास्‍ता

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि यूपी सरकार द्वारा अवैध बालू खनन के काम को बंद कराए जाने के काम में दिलचस्पी नहीं लिए जाने के बाद इस मामले में सीबीआई जांच के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि सरकारी अफसरों की जानकारी और उनकी मिलीभगत के बिना अवैध खनन मुमकिन ही नहीं है।

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हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि प्रमुख सचिव का यह कहना कि उन्हें किसी भी जिले में अवैध खनन की सूचना नहीं है। यह आंख में धूल झोंकने जैसा है। कोर्ट ने कहा था कि प्रमुख सचिव ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि अवैध खनन पर रोक के लिए प्रत्येक जिले में अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है। टीम के मुताबिक यूपी में कहीं भी अवैध खनन नहीं हो रहा।

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सेटेलाइट मैपिंग के लिए प्रमुख सचिव ने जताई असमर्थता

कोर्ट ने प्रमुख सचिव से कहा था कि सेटेलाइट मैपिंग कराई जाए ताकि अवैध खनन का पता चल सके। इसके जवाब में प्रमुख सचिव ने प्रदेश में ऐसी तकनीक न होने के कारण सेटेलाइट मैपिंग कराने में असमर्थता प्रकट की थी।

कहां होता है अवैध खनन

बुंदेलखंड, सोनभद्र, बिजनौर, मिर्जापुर, शाहजहांपुर जैसे शहरों में जमकर अवैध खनन होता है। अब सवाल यह उठता है कि कोर्ट के आदेश के बाद क्या सीबीआई उन नेताओं और अफसरों से भी सवाल-जवाब करेगी जो पर्दे के पीछे से इस व्यापार को सह दे रहे हैं। जिसके एवज में वह हर साल अरबों रुपए की काली कमाई करते हैं? फिलहाल कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश देते हुए 6 वीक का समय दिया है और कोर्ट के सामने रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

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