17 ओबीसी जातियों को एससी मे शामिल करने पर HC गंभीर, मांगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा ओबीसी के 17 जातियों को एससी में शामिल करने के निर्णय के खिलाफ याचिकाओं पर सरकार और अन्य पक्षकारों से 09 फरवरी को जरूरी डाॅक्यूमेंट्स के साथ जानकारी मुहैया कराने को कहा है।

Update: 2017-01-12 09:44 GMT
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार (12 जनवरी) को प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने के निर्णय के खिलाफ याचिकाओं पर सरकार और अन्य पक्षकारों से 09 फरवरी को जरूरी डाॅक्यूमेंट्स के साथ जानकारी मुहैया कराने को कहा है।

इस मामले को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं। प्रदेश सरकार के कैबिनेट के फैसले में 17 पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को अनुसूचित जाति (एससी) में शामिल करने पर मुहर लगाने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले को बेहद ही गंभीरता से लिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी बी भोसले ने गुरुवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से इस फैसले पर जवाब मांगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने अंतरिम आदेश देने से भी इंकार कर दिया।

सरकार की तरफ से इन सभी याचिकाओं का विरोध करने के लिए महाधिवक्ता वी बी सिंह उपस्थित रहे। याचिका राजकुमार और कई अन्य ने दायर की है। बता दें, कि प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग ने 22 दिसंबर 2016 को आदेश जारी कर 17 ओबीसी की जातियों को एससी मे शामिल करने का निर्णय लिया था।

प्रदेश सरकार के इस निर्णय को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया कि संविधान में प्रदेश सरकार को ऐसा करने का अधिकार नहीं है। इस मामले पर अगली सुनवाई 09 फरवरी 2017 को होगी।

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