इलाहाबादः हाईकोर्ट के शासकीय ऑफिस से हत्या, रेप, लूट जैसी संगीन वारदात की फाइलें गायब होने को अदालत ने गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है। सीबीआई से इस मामले में 16 दिसंबर तक जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। हाईकोर्ट को इस मामले में पुलिस पर भरोसा नहीं है।
क्या है मामला?
संगीन अपराधों के मामले हाईकोर्ट में पहुंचने पर निचली अदालतों से मूल रिकॉर्ड तलब किए जाते हैं। पिछले दिनों पता चला था कि कई संगीन मामलों की फाइलें गायब हैं। ये फाइलें साल 1981 से 1992 तक के मामलों की हैं। इस मामले में इलाहाबाद के सिविल लाइंस थाने में केस भी दर्ज कराए गए थे। हाईकोर्ट ने सभी मामलों की जांच सीबीआई को तत्काल प्रभाव से सौंप दी है।
पुलिस पर कोर्ट को नहीं है भरोसा
जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस शशिकांत की बेंच ने सीबीआई जांच के आदेश सरकार बनाम फूल सिंह की अपील पर दिया है। अदालत ने इस मामले में पुलिस की जांच पर भी भरोसा नहीं जताया। अदालत ने कहा कि पुलिस इसकी सही जांच नहीं कर सकती। कोर्ट ने कहा कि शासकीय ऑफिस से सरकारी रिकॉर्ड गायब होना गंभीर मामला है। इससे कई मुल्जिम संगीन अपराधों में सजा से बच सकते हैं। इस मामले में सरकार ने भी किसी कर्मचारी या अफसर को दोषी नहीं ठहराया है। अदालत ने इस पक्ष को भी गंभीरता से लिया है।