ये कैसा डिजिटल इंडिया ! 10 घंटे ठप्प रहा ई लाटरी सिस्टम

योगी सरकार की पहल पर यूपी में पहली बार ई लाटरी सिस्टम से आबकारी दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया डिजिटल इंडिया की बदइंतजामी की भेंट चढ़ गई। इस बार पारदर्शिता के साथ ई लाटरी के माध्यम से आबकारी दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया का दावा करने

Update: 2018-03-08 16:37 GMT
ये कैसा डिजिटल इंडिया ! 10 घंटे ठप्प रहा ई लाटरी सिस्टम

लखनऊ: योगी सरकार की पहल पर यूपी में पहली बार ई लाटरी सिस्टम से आबकारी दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया डिजिटल इंडिया की बदइंतजामी की भेंट चढ़ गई। इस बार पारदर्शिता के साथ ई लाटरी के माध्यम से आबकारी दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया का दावा करने वाले अधिकारी अपने पहले ही प्रयास में फेल हो गए।और अन्त में आवेदकों को मायूस कर घर भेज दिया गया। और आज के आवंटन प्रकिया को रदद कर दिया गया।

बदइंतजामी का आलम ये रहा कि सुबह 11 बजे शुरू होने वाली प्रक्रिया तकनीकी खराबी के चलते रात 9 बजे तक ठप्प रही। ऐसा तब है जब सरकार ने इस प्रक्रिया के सफल संपादन के लिए हर जिले में आईएएस अफसरों को बतौर ऑब्ज़र्वर बनाकर भेजा है।

लखनऊ में पड़े 17,956 आवेदन

जिला आबकारी अधिकारी संतोष तिवारी ने बताया कि लखनऊ में डालीबाग स्थित गन्ना संस्थान में ई लाटरी के माध्यम से दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया की पूरी व्यवस्था की गयी है।पहली बार इस व्यवस्था से आवंटन किया जा रहा है।इसमें देशी, विदेशी, बीयर और मॉडल शॉप के लिए ई लाटरी की प्रक्रिया का संपादन किया जा रहा है।लखनऊ में इन दुकानों के लिए 17956 आवेदन प्राप्त हुए हैं।हमने इस व्यवस्था के सफल संचालन के लिए तकनीकी उपकरणों के साथ साथ सुरक्षा के व्यापक इंतजाम भी किये हैं।हालाँकि तकनीकी कारणों से कुछ घंटे दिक्कत रही लेकिन अब जल्द ही प्रक्रिया को सम्पन्न कर लिया जायेगा।रात में 9:30 गनना संस्थान में डेकरा जमाए हजारो आवेदकों को माइक से एनाउंस करके घर वापस जाने का फरमान जारी कर दिया।

हर जिले में गये ऑब्ज़र्वर, आवेदन की भी बदली प्रक्रिया

राज्य सरकार ने आबकारी दुकानों के आवंटनो को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ अलॉट करने का दावा किया था।इसके लिए बाकायदा हर जिले में एक आईएएस अधिकारी को बतौर आब्जर्वर बनाकर भी भेजा गया था, लेकिन हर जिले में लगभग यही आलम रहा।हर जगह तकनीकी कारणों से आवंटन प्रक्रिया बाधित हुई, जिसके चलते आवेदकों ने अधिकारियों के सामने ही जमकर हंगामा काटा।इस दौरान अधिकारी मूकदर्शक बने रहे।इस बार आवेदकों के आवेदन की प्रक्रिया भी बदली हुई थी, जिसके तहत अब एक व्यक्ति सिर्फ दो दुकानों के लिए ही आवेदन का पात्र था, इसी नियम के तहत सबने आवेदन किया है।जिसका आवंटन ई लाटरी के माध्यम से आज होना था।

आवेदकों का दावा- अधिकारियों ने जानबूझकर बाधित की प्रक्रिया

गन्ना संस्थान में देशी शराब की दूकान के लिए आवेदन करने वाले मुकेश पाल ने बताया कि अधिकारी हमेशा से इन दुकानों के आवंटन में खेल करते रहे हैं।इस बार भी ई लाटरी की प्रक्रिया को बाधित करने में इनका हाथ लग रहा है।हमलोग सुबह 11 बजे से यहां भूखे प्यासे डटे हुए हैं।रात का 9 बज रहा है, अभी तक आवंटन शुरू नही हुआ है।आबकारी से राज्य सरकार को सर्वाधिक टैक्स प्राप्त होता है, हम शराब व्यवसायी ही करोडो रूपये टैक्स के तौर पर सरकार को देते हैं, इसके बावजूद सरकारी अधिकारी हमारी उपेक्षा करते हैं और उत्पीड़न करते हैं।आज जिस तकनीकी समस्या का हवाला देकर प्रक्रिया को टाला गया है, उस लिहाज से एक बार फिर आवंटन में खेल होने की आशंका को नकारा नही जा सकता है।

शराब व्यवसायियों का दावा है कि सीनियर अधिकारियों ने फील्ड़ के अधिकारियों के अनुभव और सलाह को नजरंदाज कर दिया, यदि किसी फील्ड के अधिकारी ने सीनियर अधिकारी को सलाह देने का प्रयास किया तो उसे चुप करा दिया गया। कहीं न कहीं यह भी पूरे आवंटन प्रकिया के असफल होने का कारण रहा है।

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