एम्बुलेंस बनी ऑटो! मरीजों को नहीं, यात्रियों को ढो रही 108 की गाड़ियां

सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में मरीजों को भले ही एम्बुलेंस सेवा का लाभ न मिल सके लेकिन आज कल यात्रियों से किराया लेकर उनको घर तक पहुंचाने का काम एम्बुलेंस ज़रुर कर रही है।

Update: 2018-02-15 05:12 GMT

रायबरेली: सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में मरीजों को भले ही एम्बुलेंस सेवा का लाभ न मिल सके लेकिन आज कल यात्रियों से किराया लेकर उनको घर तक पहुंचाने का काम एम्बुलेंस ज़रुर कर रही है।

- मरीजों को अस्पताल पहुंचाने वाली ये एम्बुलेंस लोगों से किराया लेकर उनको घर छोड़ रही है।

- इमरजेंसी की आड़ पर एम्बुलेंस चालाक इसको कमाई का जरिया बना रहे हैं।

- यहां रोजनां इसी तरह का गोरख धंदा धड़ल्ले से चल रहा है और स्वास्थ्य महकमा आँखे मूदे हुए है।

वही छात्र रमेश का कहना है कि एम्बुलेन्स आजकल ऑटो का काम कर रही है। रोजाना लोगों से किराया लेकर उनके गंतव्य तक छोड़ा जाता है। वहीँ हकीकत में जब मरीजों को इसकी जरूरत होती है तो एम्बुलेंस कभी टाइम पर नहीं पहुँचती।

सवाल यह उठता है कि क्या इन एम्बुलेन्स की मॉनिटरिंग नही की जाती? क्या ऐसे ही ये सरकार की योजनाओं को बट्टा लगाकर उनको चूना लगाते रहेंगे?

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