Gorakhpur News: जन्म के एक घंटे के अंदर नवजात को मां का दूध मिलने में कानपुर सबसे फिसड्डी, टॉप 3 में गोरखपुर

Gorakhpur News: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि गोरखपुर में 33% नवजातों को पहले घंटे में मां का दूध नहीं मिल पा रहा है। खराब प्रदर्शन वाले जिले में कानपुर पहले और फिरोजाबाद दूसरे नंबर पर हैं।

Update:2024-12-15 08:17 IST

जन्म के एक घंटे के अंदर नवजात को मां का दूध मिलने में कानपुर सबसे फिसड्डी, टॉप 3 में गोरखपुर  (Image: social media)

Gorakhpur News: जन्म के एक घंटे अंदर मां का दूध किसी नवजात के लिए पहला प्रतिरक्षण टीका की तरह होता है। लेकिन सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में इसे लेकर संजीदगी नहीं दिख रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की टीम ने सूबे के हर जिले में अलग-अलग हेल्थ इंडीकेटर पर अक्टूबर तक की रिपोर्ट तैयार की है। इसमें प्रदेश के टॉप टेन खराब शहरों में कानपुर पहले पायदान पर है। वहीं गोरखपुर तीसरे पायदान पर है। अब स्वास्थ्य विभाग ने इस आकड़े में सुधार के लिए प्रयास करने को पत्र लिखा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि गोरखपुर में 33% नवजातों को पहले घंटे में मां का दूध नहीं मिल पा रहा है। खराब प्रदर्शन वाले जिले में कानपुर पहले और फिरोजाबाद दूसरे नंबर पर हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने एनएचएम की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीएमओ से मामले को संजीदगी से लेने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की टीम ने सूबे के हर जिले में अलग-अलग हेल्थ इंडीकेटर पर अक्टूबर तक की रिपोर्ट तैयार की है। गोरखपुर में सिर्फ 67 फीसदी नवजातों को ही जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान मयस्सर हो रहा है। जबकि 33 फीसदी नवजात मां के इस अमृत से विहीन रह जा रहे हैं। जबकि यूपी का औसत स्तनपान 93 प्रतिशत है।

अक्टूबर तक वित्तीय वर्ष में हुए 83 हजार प्रसव

सीएमओ डॉक्टर आशुतोष दुबे ने बताया कि लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर में मौजूद नर्स, एएनम व चिकित्सक को ट्रेनिंग दी गई है। उन्हें बताया गया है कि जन्म के पहले घंटे में मां का दूध नवजात को अवश्य देना चाहिए। हर प्रसव केन्द्र में कंगारू मदर केयर बनाए गए हैं। इसके साथ ही प्रसूताओं को भी जागरूक किया जा रहा है। गोरखपुर में वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक लाख 35 हजार 263 बच्चे जन्म लेने का अनुमान हैं। अक्टूबर तक करीब 83 हजार प्रसव हो चुके हैं। जिले में करीब 89 फीसदी प्रसव संस्थागत होते हैं। हालांकि गोरखपुर का स्वास्थ्य विभाग एनएचएम द्वारा जारी आंकड़ों को लेकर सीएमओ संतुष्ट नहीं है। उसका दावा है कि जनपद में नवजातों को एक घंटे में स्तनपान का रिकार्ड बेहतर है। आंकड़ों को जारी करने में कहीं चूक की संभावना है।

ये प्रदेश के टॉप टेन फिसड्डी जिले

कानपुर नगर 58%, फिरोजाबाद 63%, गोरखपुर 67%, उन्नाव 75%, मेरठ 77%, गौतमबुद्ध नगर 78%, मथुरा 79%, बरेली 81%, अलीगढ़ 81%, फर्रुखाबाद 81%

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