शाहजहांपुर : योगी सरकार में 102 नंबर एंबुलेंस बनी सफेद हाथी

Update:2017-07-30 18:40 IST

शाहजहांपुर: बीजेपी द्वारा चुनाव के समय सैकड़ों दावे,वादे करने के बाद भी सरकारी योजनाओं का लाभ सूबे के अंतिम व्यक्ति को सही से नहीं मिल रहा है। ऐसा तब है जबकि कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने अपने पहले बजट में स्वास्थ विभाग पर एक बड़ी रकम खर्च की है। आलम ये है, कि गरीबों को सरकारी अस्पताल में एंबुलेंस होने के बाद भी किराये की गाड़ी से से अपने मरीज को घर ले जाना पड़ रहा है।

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ताजा मामला यूपी के शाहजहांपुर का है जहां एक महिला को डिलीवरी के लिए सीएचसी लाया गया था। डिलीवरी हो जाने के बाद जब महिला के पति ने 102 एंबुलेंस को फोन किया तो उसे जवाब मिला एंबुलेंस अभी बिजी है, वहीँ सीएचसी पर मौजूद तीन एंबुलेंस के ड्राईवरों ने उससे कहा, कि उनके पास दो दिन से डीजल के लिए पैसा नही आया है। जिसके बाद इस गरीब किसान को अपने मरीज को एक ऑटो से घर ले जाना पड़ा। वहीं सीएमओ का कहना है कि उन्हें 102 एंबुलेंस के बारे में जानकारी नहीं है ये व्यवस्था पूरे स्टेट की है, इसलिए वह कुछ भी नही बता सकते हैं।

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ये मामला जलालाबाद कोतवाली के कुंअरपुर गांव का है। यहां के रहने वाले नीरज की शादी 21 वर्षीय जूली से दो साल पहले हुई थी। पति नीरज का कहना है कि जब उसकी पत्नी के गर्भ पीड़ा हुई तो उसने गांव की आशा बहु राम कांति को बुलाया। उसके बाद उसने 108 पर फोन किया तो एंबुलेंस से जूली को जलालाबाद सीएचसी पर भर्ती कराया। कुछ देर बाद जूली ने बेटे को जन्म दिया।

आरोप है कि जब नीरज ने जूली और बच्चे को घर ले जाने के लिए 102 नंबर एंबुलेंस को फोन किया तो उससे कहा गया कि अभी एंबुलेंस बिजी है। और उसके बाद फोन काट दिया गया। उसके बाद जब वह अस्पताल से बाहर आए तो 102 नंबर की तीन एंबुलेंस खङी थी। नीरज ने एंबुलेंस ड्राईवर से चलने के लिए कहा तो उसने कहा कि गाड़ी मे डीजल नहीं है। इसलिए नहीं जा सकता है।

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एंबुलेंस ड्राईवर दुर्गा प्रसाद के मुताबिक उसकी गाड़ी कल से अस्पताल में खड़ी है। गाड़ी में डीजल नहीं है। पहले ही उसकी डीजल की तीन पर्चियां पेट्रोलपंप पर लगी हैं। उसका करीब 6 से 7 हजार रुपये भुगतान होना है। इसलिए पंप के कर्मचारी कहते है कि मालिक ने डीजल देने से मना किया है। इसलिए वह मरीजों को ले जाने में असमर्थ है। अस्पताल मे तीन एंबुलेंस खड़ी हैं। तीनों के ड्राईवर इसी बात का रोना रो रहे थे।

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सीएमओ आरपी रावत कहते हैं, एम्बुलेंस का डीजल उनके अधिकार में नहीं आता है, तो इसलिए वह इस बारे मे कुछ भी नही बता पाएंगे।

अब सवाल योगी सरकार पर भी उठता है, कि आखिर बजट पास हुआ तो गया कहां, इसपर सरकार ये कह सकती है कि बजट जिलों में पहुचाने में समय लगता है। तो हमें ये भी बता दें कितना समय लगता है। सपा सरकार के दौरान जब इस तरह की कोई घटना होती थी, तो बीजेपी नेता काफी हो हल्ला करते थे। लेकिन अब उनकी सरकार में ये सब हो रहा है, तो वही नेता चुप्पी साधे हुए हैं।

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