Banana Farming Amethi: अमेठी में केला खेती का आवेदन प्रक्रिया शुरू, फटाफट करें आवेदन और कमाए सालाना लाखों रुपये
Banana Farming Amethi: अगर आप अमेठी से हैं और इस साल केले की खेती करने की योजना में है तो सबसे पहले इसका आवेदन करवा लीजिए। जनपद में पिछले साल की तरह इस साल भी केले की खेती के आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। जानें कहां करें आवेदन?
Banana Farming Amethi: 21वीं सदी में तकनीकी ज्ञान के विकास के साथ साथ तकनीकी खेती करने का भी विकास काफी अधिक तेजी के साथ हुआ है। परंपरागत खेती से हटकर देश का किसान अब तकनीकी खेती करने पर ज्यादा अधिक ध्यान दे रहा है। इस नतीजा यह निकाल रहा है कि पहले की तुलना में अब किसान फसलों की बुआई और कटाई तकतीनी आधार पर कर रहे है, जिससे उनकी आय तो बढ़ी ही है। ऊपर से खेती करने में लागत के साथ समय में कमी आई है। ऐसे में अब पढ़े लिखे लोग भी खेती किसानी की ओर रुख कर रहे हैं। इन सबको देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार की भी अधिक बढ़ावा देने के लिए खेती किसानी में नई नई स्कीमों के माध्यम से मदद कर रही है।
किसानों ने केला की खेती कर पेश किया मिसाल
कुछ ऐसा उदाहरण उत्तर प्रदेश के अमेठी जिला में देखने को मिला रहा है। सूबे का यह जिला इस वक्त चर्चा में है। इस जनपद की चर्चा इसलिए हो रही है कि यहां के किसान भाईयों ने रबी और खरीफ की फसल के साथ- साथ केला के खेती कर रहे, वह अपने आप में एक बेमिशाल उदाहरण प्रस्तुत करती है। पिछले साल अमेठी के किसानों ने केले की खेती में जिस प्रकार से उत्पादन किया है, वह उन्हें एक प्रगतिशील किसान के तौर पर एक नई पहचान दिलाई है। इस जिले का किसान लगातार इन खेती के माध्यम में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है और सरकार और जिला कृषि विभाग भी इन किसानों का साथ देते हुए अनुदान प्रदान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है।
केले की खेता का आवेदन शुरू
अगर आप अमेठी से हैं और इस साल केले की खेती करने की योजना में है तो सबसे पहले इसका आवेदन करवा लीजिए। जनपद में पिछले साल की तरह इस साल भी केले की खेती के आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। किसान जिले के उद्यान विभाग के साथ अपने आस-पास जन सुविधा केंद्र में जाकर केला खेती का आवेदन करवा सकता है। केले की खेती पर आवेदन करने वाली विभाग इन किसानों को अनुदान प्रदान करवाती है।
पंजीकृत किसानों को मिलते हैं पौधे
जिला अमेठी में केला की खेती पर आवेदन पर सहायक उद्यान निरीक्षक प्रमोद कुमार यादव ने कहा कि अगर कोई किसान जिला में केले की खेती करता है तो उसका किसान को पंजीकरण किया जाता है, ताकि किसानों को काइन डीबीटी के जरिये केले के पौधे प्राप्त कराए जाते हैं। जनपद में केले के क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। इसकी वजह किसानों का केला खेती की ओर रुझान अधिक है।
नियम हुआ कुछ बदलाव
उन्होंने कहा कि हालांकि इस वर्ष देरी की वजह से नियम में कुछ परिवर्तन किया गया है। जनपद में केला का लक्ष्य अभी तक नहीं आया है। वैसे तो हर साल लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। हालांकि इसके आवेदन की प्रक्रिया की पहले शुरू कर दी गई हैं। लक्ष्य के अनुसार किसानों को 30 हजार 738 रुपए प्रथम वर्ष में और द्वितीय वर्ष में 10 हजार 247 रुपए अनुदान स्वीकृत किया जाएगा। इससे किसान लगातार प्रोत्साहित हो रहे हैं।
केले की खेती से कमाई
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर किसान एक बीघा में केला की खेती करता है तो उसे 50 हजार रुपये का खर्चा आता है। इस हिसाब से वह जितने बीधे में केला की खेती करेगा, उतना खर्चा आएगा। एक पौधे में करीब 60 से 70 किलो तक केला पैदावार होता है। अगर किसी कमाई की बात करें तो इसमें मामूली बचत 2 लाख रुपये होती है।