अमेठी की राजनीति से निकला हैण्डपम्प घोटाले का 'जिन्न, जानें क्या है ये मामला
अमेठी में सरकार द्वारा लगवाए जाने वाले हैण्डपम्प में घोटाले का मामला सामने आया है। मुख्य बात ये है कि लाखों रुपए से लगने वाले हैण्डपम्प का शिलान्यास हाल ही में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने किया था।
अमेठी: राफेल घोटाले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव बना हुआ है। विपक्ष के आरोपों पर सरकार पक्ष रखने के बजाए हमलावर मुद्रा में है। अभी राफेल विवाद पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि अमेठी में सरकार द्वारा लगवाए जाने वाले हैण्डपम्प में घोटाले का मामला सामने आया है। मुख्य बात ये है कि लाखों रुपए से लगने वाले हैण्डपम्प का शिलान्यास हाल ही में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने किया था।
स्मृति ईरानी ने किया था शिलान्यास
बताते चले कि गत 19 नवम्बर को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जिले के गौरीगंज स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में 80 करोड़ योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था। मौके पर डिप्टी सीएम के साथ एक केंद्रीय मंत्री के साथ यूपी सरकार के चार मंत्री सम्मिलित हुए थे।
अहम दस्तावेज़ में शामिल योजनाओं की सूची में क्रम संख्या 9 पर लिखा हुआ है कि पेट्रोलियम मंत्रालय के सीएसआर निधि से लगाए जानें वाले 200 हैण्डपम्प का शिलान्यास 90 लाख रुपए की कीमत से किया गया है। जो अमेठी में लगाए जानें हैं। इस आकड़े के अनुसार एक हैण्डपम्प की लागत 45 हजार रुपए आ रही है।
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सांसद निधि से लगवाए गये थे में हैण्डपम्प
वैसे केंद्रीय मंत्री द्वारा किए गए हैण्डपम्प के शिलान्यास में ही ऐसी धांधली नहीं हुई है। तीन माह पूर्व परियोजना निदेशक जिला ग्राम विकास अभिकरण साहित्य प्रसाद मिश्रा ने अमेठी सांसद राहुल गांधी के द्वारा कराए गए विकास कार्यों का एक आरटीआई में जवाब 30 सितम्बर 18 को दिया है।
उसमें दर्शाया गया है कि सांसद ने इस वित्तीय वर्ष में सितम्बर माह तक 470 हैण्डपम्प अपनी निधि से दिए हैं। सरकारी तौर पर इसकी लागत 38 हजार 500 बताई गई है। ये आरटीआई अमेठी के जामों निवासी यादवेन्द्र प्रताप श्रीवास्तव ने 14 जून 2018 में मांगी थी।
मार्केट से 25 हजार में कम्पलीट मिलता है हैण्डपम्प
उधर अगर हैण्डपम्प का बिजनेस कर रहे अमेठी के व्यापारियों की मानें तो उनके द्वारा बताए गए हैण्डपम्प के रेट इन दोनों रेटों से भिन्न हैं। हैण्डपम्प व्यापारी के मुताबिक़ एक इंडिया मार्का हैण्डपम्प का मार्केट रेट 16 हजार रुपए है। और 25 रुपए हजार में कम्पलीट सेट को लगाया जाता है। व्यापारी तो यहां तक कहते हैं कि मार्केट में जो हैण्डपम्प मौजूद हैं उनकी क्वालिटी सरकारी तौर पर लगाए जानें वाले हैण्डपम्प से अच्छी है।
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जवाब के बजाए बचते रहे अधिकारी
इस पूरे मामले पर जब अधिकारियों से बात की तो जिम्मेदार अधिकारी किसी भी तरह के बयान देने से बचते नजर आए। वहीं डीएम शकुंतला गौतम ने केवल इतना कहकर इतिश्री कर लिया के प्रकरण पर जांच के बाद ही कुछ कह पाना उचित है।
ख़ैर बीजेपी की ओर से बाज़ार के मुकाबले सांसद निधि से लगने वाले हैण्डपम्प की कीमत में बढ़ोतरी पर तीखी प्रतिक्रिया मिली। जिलाध्यक्ष
उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि सांसद निधि से किन परिस्थितियों में इतना रुपया खर्च किया गया इसे देखकर घोटाला कहा जा सकता है, ये जांच का विषय है। हालांकि की केंद्रीय मंत्री द्वारा हैण्डपपम्पों के किए गए शिलान्यास में दर्शाई गई राशि सांसद निधि की राशि के अंतर में उन्होंने पहले तो बचाव किया अंत में कहा कि वो इसकी जांच के लिए पत्र लिखेगे।
वहीं सांसद प्रतिनिधि चंद्रकांत दुबे ने कहा निश्चित तौर पर ये तो भ्रष्ट्राचार है। जिसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने सांसद निधि और मार्केट में मौजूद हैण्डपम्प के रेट में अंतर पर कहा कि दरअसल इनकम टैक्स, कामर्शियल टैक्स और जीएसटी के कारण ये फर्क है, बाक़ी प्रशासन ही इसकी सही जानकारी उपलब्ध करा सकता है। सांसद का काम तो निधि से विकास के मद में पैसे देना है।
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