अमित शाह ने दिया ऐसा जवाब, काम पर लौटे आईएमए डॉक्टर
गृहमंत्री अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि भारत सरकार इसके लिए कड़े कदम उठायेगी और बहुत जल्द ही चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून लायेंगे।
लखनऊ। देश में कोरोना वायरस से लड़ रहे चिकित्सकों पर हो रहे हमलों के विरोध में चिकित्सकों ने 22 व 23 अप्रैल को प्रस्तावित अपना प्रतीकात्मक विरोध कार्यक्रम वापस ले लिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजन शर्मा ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए जल्द ही एक कड़ा कानून लाने के आश्वासन के बाद आईएमए ने अपना विरोध कार्यक्रम स्थगित करने का फैसला लिया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजन शर्मा की अध्यक्षता में आइएमए प्रतिनिधिमंडल और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन तथा स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदान के बीच बुधवार सुबह वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई मीटिंग के बाद लिए गए।
इस फैसले के बारे में आईएमए ने बताया कि गृहमंत्री समेत बैठक में शामिल सभी ने इस कठिन समय में आईएमए और पूरे चिकित्सा समूह के प्रयासो और त्याग की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि भारत सरकार इसके लिए कड़े कदम उठायेगी और बहुत जल्द ही चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून लायेंगे।
गृहमंत्री ने कही थी ये बात
गृहमंत्री ने अपील की कि वह सरकार पर भरोसा रखे औरऐसे संकट के समय में आईएमए सांकेतिक विरोध भी करता है तो इसका बहुत गलत संदेश जायेगा। बता दे किइंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने चिकित्सकों, चिकित्साकर्मियों, नर्सो व चिकित्सालयों पर हो रहे हमले पर नाराजगी व्यक्त की थी।
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एसोसिएशन ने सरकार से पूरे देश में चिकित्सकों पर हमले से संबंधित कानून बनाने की मांग करते हुए 22 अप्रैल को सरकार को चेतावनी देने के लिए देश भर रात नौ बजे मोमबत्ती जला कर ‘व्हाइट अलर्ट’ मनाने की तथा 23 अप्रैल को चिकित्सकों के साथ हो रही हिंसा के खिलाफ काली पट्टी बांध कर ‘ब्लैक डे’ मनाने की अपील की थी।