अमित शाह का दावा दलित BSP को छोड़ चुके, चुनाव में हमारा मुकाबला SP से

Update: 2016-06-04 15:07 GMT

लखनऊ: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि मायावती के काम करने के तरीके से परेशान दलित अब बसपा का साथ छोड़ चुके हैं।

लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी के अम्बेडकर सभागार में बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि दलित पार्टी से तेजी से जुड़ रहे हैं।यही कारण है कि सबसे ज्यादा दलित सांसद बीजेपी के हैं। उन्होंने कहा कि वो बीजेपी के एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं।

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, कि अनुसूचित जाति मोर्चा के इस कार्यक्रम में जुटे लोगों की संख्या देखकर कहा जा सकता है कि बसपा के पास अब कुछ नहीं है। अब उन्हें अध्यक्ष के रूप में काम करने की जिम्मेदारी मिली है जिसे वो निभाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बीजेपी जब-जब सत्ता में आई है उसने दलितों के लिए काम किया है। जबकि बसपा ने उनका इस्तेमाल किया है। असम विधानसभा चुनाव में जीत के बाद लोग पूछ रहे थे कि यूपी विधानसभा चुनाव में मुकाबला किससे है। बीजेपी का मुकाबला यूपी में सपा के साथ है। बसपा मुकाबले में कहीं नहीं है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र की सरकार दलितों ,आदिवासियों और पिछड़ों की सरकार है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने दो साल में इतने काम करके अपनी बातों को सही साबित किया। जनधन योजना के तहत 27.5 करोड़ लोगों का खाता खुलवा दिया। 330 रुपए में जीवन बीमा 2 रुपए में बीमा किया।

उन्होंने कहा कि जब चुनाव आता है तो अम्बेडकर पर बोलने वालों की लाइन लग जाती है। अभी राहुल गांधी बोल रहे थे। मैंने कहा, पढ़ लो इसी अंबेडकर को लोकसभा से रोकने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी थी। उन्हें कांग्रेस ने भारत रत्न नहीं दिया। उन्हें अटल जी की भाजपा सरकार ने भारत रत्न दिया। महू में पीएम ने स्मारक बनवाया। लंदन में उनका स्मारक भी पीएम मोदी की ही देन है।

संसद के अंदर सभी महापुरुषों के तैल चित्र लगते थे लेकिन अंबेडकर का चित्र बीजेपी की सरकाए में लगा। उनकी 125वीं जयंती के मौके पर अम्बेडकर का सिक्का लांच किया था।

कानून व्यवस्था को लेकर सपा पर हमला

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। दलित सुरक्षित नहीं हैं। मैं बीजेपी के लिए आपसे कुछ मांगने के लिए आया हूं। दलित समाज से अपील करने आया हूं।

केशव मौर्य ने कहा

बीजेपी के यूपी अध्यक्ष केशव मौर्य ने कहा कि पार्टी जाति और धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करती। पार्टी के अध्यक्ष कार्यकर्ताओं के घर जाते हैं तो अन्य पार्टी को समस्या होने लगती है। वो उसकी जाति धर्म की पड़ताल करने लगते हैं। ऐसे लोगों को जनता ने पिछले चुनाव में जवाब दे दिया है।

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