आजम खान के खिलाफ दायर अवमानना केस खारिज, अमिताभ को झटका

यह आदेश जस्टिस प्रत्युष कुमार की बेंच ने आजम खान की याचिका पर पारित किया। आजम खान की ओर से दलील दी गई थी कि अमिताभ ठाकुर द्वारा निचली अदालत में दाखिल परिवाद में यह नहीं कहा गया है कि उन्हें किन शब्दों से और किस प्रकार मानहानि हुई। साथ ही उन्होंने उन अखबार वालों को भी प्रतिपक्षी नहीं बनाया है जिनमे समाचार प्रकाशित हुए।

Update: 2017-11-01 14:25 GMT

लखनऊ: हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री आजम खान को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा सीजेएम लखनऊ कोर्ट में दायर परिवाद खारिज कर दिया है।

यह आदेश जस्टिस प्रत्युष कुमार की बेंच ने आजम खान की याचिका पर पारित किया। आजम खान की ओर से दलील दी गई थी कि अमिताभ ठाकुर द्वारा निचली अदालत में दाखिल परिवाद में यह नहीं कहा गया है कि उन्हें किन शब्दों से और किस प्रकार मानहानि हुई। साथ ही उन्होंने उन अखबार वालों को भी प्रतिपक्षी नहीं बनाया है जिनमें समाचार प्रकाशित हुए।

अमिताभ ठाकुर ने किया विरोध

वहीं अमिताभ ठाकुर की ओर से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि आजम खान ने हाईकोर्ट के सामने दायर अपनी याचिका में आपत्तिजनक शब्दों के प्रयोग करने की बात स्वयं स्वीकार की है। लिहाजा इसमें अधिक साक्ष्य की आवश्यकता नहीं है।

क्या कहा कोर्ट ने?

कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपने फैसले में कहा कि अमिताभ ठाकुर द्वारा दाखिल परिवाद में ऐसा कोई सीधा साक्षी नहीं है जो यह कहे कि आजम खान ने आपत्तिजनक बातें कही हैं। कोर्ट ने कहा कि आपराधिक वाद में प्रतिवादी द्वारा अलग-अलग स्तर पर स्वीकार की गयी बात का अलग-अलग महत्व होता है। इस मामले में इतना पर्याप्त साक्ष्य नहीं है कि प्रतिवादी को समन जारी किया जाए। लिहाजा कोर्ट ने परिवाद को खारिज करते हुए सीजेएम द्वारा निर्गत जमानतीय वारंट को भी खारिज कर दिया।

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