AMU ने SC में दाखिल किया हलफनामा, कहा- केंद्र कर रहा राजनीति

Update:2016-08-17 17:24 IST
alligarh muslim university file affidevit in sc

अलीगढः सुप्रीम कोर्ट में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने अल्पसंख्यक दर्जे पर केंद्र के हलफनामे का जबाब दाखिल किया। इसमें यूनिवर्सिटी की ओर से 80 पेज का काउंटर एफीडेविट दिया गया और उसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने अपना स्टेप यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे पर राजनीति के उद्देश्य से बदला है। अब केंद्र सरकार अपना जबाब तीन हफ्ते में सुप्राम कोर्ट में दाखिल करेगा।

एएमयू ने मांगा था समय

सर्वोच्च न्यायालय ने 11 जुलाई को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) को केंद्र के उस हलफनामे का जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया था, जिसमें मोदी सरकार ने यूपीए सरकार की ओर से दाखि‍ल याचिका वापस लेने का निर्णय किया था। यूपीए सरकार ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं बताने वाले फैसले को चुनौती दी थी।

क्या कहा कोर्ट ने ?

11 जुलाई को जस्टिस जेएस खेहर की अदालत में यूनिवर्सिटी के वकील पीपी राव ने केंद्र के हलफनामे का जवाब देने के लिए कुछ समय की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘यूनिवर्सिटी काउंसिल सरकार के हफलनामे का जवाब देने के लिए समय चाहती है, लिहाजा उसे चार हफ्ते का समय दिया जाता है’।

क्या था मामला ?

उल्लेखनीय है कि इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली पिछली सरकार की अपील को वापस लेगी। इस संबंध में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, हमने एक हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें कहा है कि हम अपील को वापस लेंगे।’ उन्होंने कहा, केंद्र ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी इस मुद्दे पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एक अलग याचिका दाखिल की थी।

 

 

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