Sonbhadra: वेतन न मिलने से नाराज शिक्षकों-कर्मियों ने दिया धरना, माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन ठप

Sonbhadra: वहीं वेतन भुगतान का आदेश होने तक अपनी उपस्थित डीआईओएस कार्यालय पर ही देने का अल्टीमेटम देकर माध्यमिक शिक्षा महकमे में खलबली मचा दी।

Update: 2022-07-11 12:42 GMT

Teachers protest in Sonbhadra (Image: Newstrack)

Sonbhadra: राजकीय माध्यमिक विद्यालयों (हाईस्कूल) में कार्यरत प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मियों को चार माह से वेतन भुगतान न मिलने का मामला सोमवार को गरम हो उठा। इससे खफा प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मियों ने सोमवार को पठन-पाठन ठप रख राजकीय शिक्षक संघ के बैनर तले जहां जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरना दिया।

वहीं वेतन भुगतान का आदेश होने तक अपनी उपस्थित डीआईओएस कार्यालय पर ही देने का अल्टीमेटम देकर माध्यमिक शिक्षा महकमे में खलबली मचा दी। इसको लेकर शिक्षक संघ की तरफ से डीआईओएस को एक ज्ञापन भी सौंपा गया।

प्रांतीय उपाध्यक्ष डीपी सिंह, जिलाध्यक्ष शैलेंद्र चैबे, जिला मंत्री वंदना यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वंदना सिंह आदि का कहना था कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों, कर्मियों को लगभग चार से माह वेतन भुगतान नहीं मिला है। इससे उनके और उनके परिवार के सामने आर्थिक तंगी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सामान्य खर्चे कौन कहे, घर का बजट संभालना मुश्किल हो गया है।


दुकानदार भी ज्यादा समय व्यतीत होने के कारण उधारी देने से कतराने लगे हैं। इसको लेकर कई बार गुहार लगाई लेकिन अब तक वेतन भुगतान नहीं मिल सका है। कब तक वेतन मिलेगा, इसका भी कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल पा रहा है। मजबूरी में माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, कर्मचारियों को पठन पाठन ठप कर डीआईओएस कार्यालय पर धरना देने के लिए विवश होना पड़ा है। इसको लेकर डीआईओएस को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि तीन-चार माह से वेतन भुगतान न होने के कारण हम सभी कर्ज में डूबे हुए हैं तथा वर्तमान में बहुत ही बुरी आर्थिक स्थिति से गुजर रहे हैं।

प्रांतीय नेतृत्व के निर्देशानुसार सोमवार से आर्थिक मजबूरी के कारण हम विद्यालय पहुंच पाने में असमर्थ हैं। अतः अपनी उपस्थिति जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में ही देने को बाध्य हैं । जितनी जल्दी हमारे नियमित वेतन निर्गत होने के आदेश हो जाएंगे हम विद्यालय में अपना सहयोग पूरी निष्ठा से देने को कृत संकल्प हैं।

शिक्षकों का कहना था कि जिले में जो राजकीय इंटर कालेज स्थापित हैं, वहां तैनात एवं कार्यरत शिक्षकों को नियमित रूप से वेतन भुगतान किया जा रहा है लेकिन जिन पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत उच्चीकृत कर राजकीय हाईस्कूल में परिवर्तित किया गया है, कर दिया गया है उन्हीं विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का वेतन भुगतान लगभग चार माह से ठप पड़ा हुआ है। सवाल उठाते हुए कहा कि यह सौतेला व्यवहार नही ंतो और क्या है। कहा कि जब तक उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर कोई प्रभावी निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक सभी शिक्षक-कर्मचारी पठन-पाठन ठप रख डीआईओएस कार्यालय पर उपस्थिति दर्ज कराते रहेंगे।

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