दारुल उलूम का वार्षिक बजट हुआ 35 करोड़ रुपये, मजलिस-ए-शूरा ने दी मंजूरी

Update: 2018-10-17 08:52 GMT

सहारनपुर: विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम की मजलिस-ए-शुरा (सुप्रीम पावर कमेटी) द्वारा संस्था का आगामी वर्ष के लिए 35 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया। मदरसा छात्रों को बहतर चिकित्सा मुहैया कराने के उद्देश्य से संस्था के पुराने अस्पताल का जीर्णोधार कर बीस बेड पर आधारित नई सुविधाओं से लैस अस्पताल बनाए जाने के प्रस्ताव को भी शूरा सदस्यों ने मंजूरी दी है।

दारुल उलूम के अतिथिगृह में चल रही मजलिस ए शूरा की दो दिवसीय बैठक का सोमवार की देर रात चौथे चरण की बैठक के बाद समापन हो गया। रविवार को हुई प्रथम चरम की बैठक में संस्था के सभी विभागाध्यक्षों द्वारा अपने-अपने विभागो की वार्षिक रिपोर्ट शूरा सदस्यों के समक्ष पेश की गई, जिस पर शूरा के सदस्यों ने संतुष्टी व्यक्त की। सोमवार को दूसरे दिन सुबह में हुई तीसरी चरण की बैठक में कई मुद्दों पर शूरा सदस्यों की एक राय न होने के कारण सोमवार की शाम चौथे चरण की बैठक हुई। देर रात तक चली इस बैठक में गहन विचार विमर्श के बाद कई अहम फैसले लिए गए। शूरा सदस्यों बढ़ी मंहगाई को देखते हुए संस्था के बजट में एक करोड़ रुपयों की बढ़ोतरी करते हुए आगामी वर्ष के लिए संस्था का बजट ३५ करोड़ रुपये पारित किया।

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इसके अलावा संस्था के सभी उस्तादों व कर्मचारियों के वतन में क्रमश 4 हजार, 3 हजार व 2 हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई। चार चरणों में दो दिनों तक चली शूरा की मैराथन बैठक में गहन विचार विमर्श के बाद शेखुल हिंद एकेडमी और शोबा तंजीम व तरक्की के रिक्त चल रहे प्रभारी के पदों पर भी नियुक्ति की गई। हालांकि उक्त पदों पर किन लोगों की नियुक्ति हुई उनके नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किये गए हैं। इसके अलावा शूरा सदस्यों ने एक अहम फैसला लेते हुए मदरसा छात्रों को बहतर चिकित्सा मुहैया कराने के लिए संस्था के पुराने 'अज़मत अस्पताल का जीर्णोधार कर 20 शय्याओं पर आधारित अस्पताल बनाने का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पास किया।

संस्था के मेस में गड़बड़ी की शिकायतों एवं मेस का निजाम और दुरुस्त करने के लिए दो शूरा सदस्यों मौलाना अनवारुल रहमान और महमूद हसन राजस्थानी पर आधारित कमेटी का गठन भी किया गया। मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी की तिलावत से शुरू हुई शूरा की बैठक की अध्यक्षता मौलाना मुफ्ती अहमद खानपुरी ने की। बैठक मेंं मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, सांसद मौलाना बदरुउद्दीन अजमल, मौलाना मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल, मौलाना मुफ्ती अहमद खानपुरी, हकीम कलीमुल्लाह, मौलाना रहमतुल्ला कश्मीरी, पूर्व विधाकय मौलाना इसरारुल हक, सैयद अनजर हुसैन मियां, मौलाना महमूद हसन, मौलाना निजामुद्दीन खामोश, मौलाना अब्दुल समद, मुफ्ती सईद अहमद पालमपुरी मौजूद रहे।

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अस्पताल का प्रस्ताव पास होने पर हर्ष जताया

मदरसा छात्रों के लिए २० बैड पर आधारित अस्पतल के एजेंडे को शूरा सदस्यों द्वारा पारित कर दिये जाने पर अबना ए मदारिस वेलफेयर एजूकेशनल ट्रस्ट ने हर्ष व्यक्त किया है। ट्रस्ट के चेयरमैन मेहदी हसन एैनी कासमी ने तंज़ीम द्वारा शूरा सदस्यों के नाम पत्र भेजा गया था जिसमें कई मांगों के साथ सभी सुविधाओं से लैस एक अस्पताल के निर्माण या अज़मत अस्पताल के जीर्णोधार की मांग की गई थी। छात्रों से जुड़े इस अहम फैसले पर उन्होंने शूरा सदस्यों का आभार जताया है।

छात्रों के लिए अस्पताल को इनहोंने उठाई थी मांग

देवबंंद नगर में व्याप्त बुखार के प्रकोप से पीडि़त मदरसा छात्रों को उपचार के लिए इधर उधर भटकते देख प्रसिद्ध लेखक मौलाना नदीमुल वाजदी ने मीडिया के माध्यम से संस्था का निजी अस्पताल निर्माण कराए जाने की मांग शूरा दस्यों से की थी। वहीं, देवंबद इंस्टिट्यूट ऑफ इस्लामिक थोट के डायरेक्टर आतिफ सुहैल सिद्दीकी ने अमेरिका से सोशल मीडिया पर दारुल उलूम प्रबंधतंत्र और शूरा सदस्यों के नाम खुला खत लिख कर छात्रों के लिए लिए अस्पताल के निर्माण को वक्त की अहम जरूरत करार दिया था। उधर, शूरा की बैठक के प्रथम दिन मजलिस इत्तिहादे मिल्लत के महासचिव अथर उस्मानी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने शूरा सदस्यों से भेंट कर छात्रों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए अस्पताल के निर्माण की मांग की थी।

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