कुंभ मेले में एक और विश्व रिकॉर्ड, तीर्थनगरी में छह हजार कलाकारों ने की पेंटिंग
तीर्थनगरी प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में एक और विश्व रिकॉर्ड बना। आज मेला प्राधिकरण के द्वारा मेला क्षेत्र के गंगा पंडाल में हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं नें अपने हाथों से पेंटिंग की। छात्र-छात्राओं के हाथों की छाप से जय गंगे नाम की पेंटिग करायी गई।
प्रयागराज: तीर्थनगरी प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में एक और विश्व रिकॉर्ड बना। आज मेला प्राधिकरण के द्वारा मेला क्षेत्र के गंगा पंडाल में हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं नें अपने हाथों से पेंटिंग की। छात्र-छात्राओं के हाथों की छाप से जय गंगे नाम की पेंटिग करायी गई। माई पेंट सिटी योजना के अंतर्गत पूरे प्रयागराज शहर के चौराहों, पुलों, भवनों आदि को कलाकृतियों से सजाया गया है।
इस अभियान में लगे सभी छह हजार कलाकार को गंगा पंडाल में कैनवास पर पेंटिंग की। हर गतिविधि गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पूरी हुई।इसके पहले एक साथ 510 बसो का एक ही रूट पर संचालन करके विश्व रिकॉर्ड कायम किया गया और अब एक साथ हजारों की संख्या में पेंटिग करवाकर एक नया रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज करवाया गया।
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कुंभनगरी प्रयागराज में चारों ओर श्रद्धा के रंग बिखरे हुए नजर आ रहे हैं। पर्यटकों और श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए 'पेंट माय सिटी' योजना के तहत शहर की दीवारों पर कलाकृतियां उकेरी जा रही हैं। ये सभी कलाकृतियां साहित्य, धर्म और ऐतिहासिक घटनाओं से प्रेरित हैं। बता दें इस योजना का दायरा बढ़ा दिया है। जहां पहले सरकारी भवनों और पुलों पर ही यह कलाकृतियां उकेरी जानी थी वह अब रेलवे स्टेशन, त्रिवेणी पुष्प के अलावा सभी सरकारी, अर्ध सरकारी और निजी संस्थानों की इमारतों पर भी उकेरी जा रही हैं।
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पेंट माय सिटी के अंतर्गत शहर की पहचान रह चुकी हस्तियों और कुंभ की पहचान कहे जाने वाले साधु-संन्यासियों की कलाकृतियां भी बनाई जाएंगी। शहर की दीवारों, पेड़ों और पुल के अलावा नावों, गुब्बारों और मेला क्षेत्र में मौजूद चीजों में भी इन पेंटिंग्स को देखा जा सकेगा। शहर में बनाई जा रही पेंटिंग्स में प्रोफेशनल्स की मदद ली जा रही है, ताकि किसी भी तरह की कमी न रह जाए। इस योजना के अंतर्गत न केवल पेंटिंग्स बल्कि म्यूरल को भी डिजाइन का आधार बनाया गया है.भगवान विष्णु से देवताओं की विनती और चौथे में समुद्र मंथन की कलाकृतियां उकेरी जा रही हैं।
बता दें इन कलाकृतियों के माध्यम से पूरे शहर को एक नया रूप दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है,इलाहाबाद के प्रयागराज बनने के बाद से पहले कुंभ को यादगार बनाया जा सके।