अनुप्रिया पटेल की पार्टी 'अपना दल एस' को राज्य स्तरीय राजनैतिक दल की मिली मान्यता
Apna Dal S: अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है।
Apna Dal S: चुनाव आयोग ने अपना दल सोनेलाल को उत्तर प्रदेश की राज्य स्तरीय राजनैतिक पार्टी के तौर पर मान्यता दे दी है। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय वाणिज्य उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस उपलब्धि को करोड़ों कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों, शुभचिंतकों की मेहनत का प्रतिफल बताया है। जिन्होंने पार्टी के विकास के लिए त्याग, संघर्ष और बलिदान दिया। अनुप्रिया ने कहा अपना दल एस ने गरीबों, शोषितों और वंचितों की जो लड़ाई शुरू की थी वह जारी रहेगी।
अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है। पार्टी के संस्थापक यश:कायी डॉ.सोनेलाल पटेल ने 25 साल पहले जिस पौधे को रोपा था, आज उनके त्याग व बलिदान से बड़ा आकार ले लिया है। अपना दल (एस) को राज्य स्तरीय मान्यता मिलने पर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं।
अपना दल (एस) के 2 सांसद, 12 विधायक, एक एमएलसी
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) के मौजूदा वक्त में दो सांसद, 12 विधायक और एक एमएलसी हैं। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल खुद मिर्जापुर लोकसभा सीट से सांसद हैं और केंद्र की एनडीए सरकार में केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग राज्य मंत्री हैं। इनके अलावा राबर्ट्सगंज से पकौड़ी लाल कोल सांसद हैं। इनके अलावा पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल विधान परिषद सदस्य हैं। 2022 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के 12 विधायक निर्वाचित हुए हैं।
सोनेलाल पटेल की मौत के बाद बटी पार्टी
गौरतलब है कि पार्टी संस्थापक डॉ सोनेलाल पटेल ने अपना दल की स्थापना 4 नवंबर 1995 को की थी। उनकी मौत के बाद पार्टी पर वर्चस्व के लिए मां कृष्णा पटेल, बड़ी बेटी पल्लवी पटेल का अनुप्रिया पटेल से विवाद शुरू हो गया। मामला चुनाव आयोग पहुंचा जिसके बाद अपना दल दो धड़े में बंट गया। अनुप्रिया पटेल को अपना दल सोनेलाल के साथ पुराना निशान कप और प्लेट मिला। जबकि कृष्णा पटेल व पल्लवी पटेल के पास अपना दल कमेरावादी गया।
2014 में अनुप्रिया ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी और मोदी लहर में उनकी भी किस्मत चमकी वह सांसद बनीं और केंद्र में मंत्री भी बनाई गईं। तब से 2017, 2019 और 2022 की लड़ाई अनुप्रिया ने बीजेपी के साथ मिलकर लड़ी और वह इस स्थिति में पहुंच गईं कि उनकी पार्टी को राज्य स्तरीय राजनैतिक पार्टी के तौर पर मान्यता मिल गई।