नोएडा : एनएमआरसी की एक्वा लाइन में नारी सशक्तिकरण की झलक देखने को मिलेगी। यहा ट्रैन संचालन से लेकर राजस्व प्रबंधन तक का कार्य की कमान महिलाओं का हाथों में होगी। बतौर इसके लिए महिलाओं को कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना होगा। ट्रेनिंग देने का कार्य डीएमआरसी व एनएमआरसी दोनों संयुक्त रूप से करेंगी। नवंबर में एनएमआरसी की एक्वा लाइन का आरंभ होना है। लिहाजा यहां होने वाली सभी तरह की गतिविधियां युद्ध स्तर पर चल रही है।
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एनएमआरसी एक्वा लाइन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। 15 नवंबर से पहले कभी रेलवे सुरक्षा अधिकारी मेट्रो का निरीक्षण कर इसे हरी झंडी दे सकते है। इसके बाद एक्वा लाइन पर व्यवसायिक संचालन शुरू किया जा सकेगा। यहा नारी सशक्तिकरण की मिसाल देखने को मिलेगी। 154 चालको में पहली बार 54 चालक महिलाएं होंगी। इसके अलावा स्टेशन कंट्रोल, डिपो कंट्रोल, क्राउड कंट्रोल व राजस्व प्रबंधन का कार्य भी महिलाओं द्वारा किया जाएगा। इसके लिए भर्ती होने वाली महिलाओं को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रैनिंग सेक्शन जल्द ही शुरू होने जा रहे है। ताकि एक्वा लाइन की पहली मेट्रो का संचालन ही महिला चालक से कराया जा सके। इसके अलावा टोकन काउंटर हेल्प लाइन डेस्क पर भी महिलाओं को स्थान दिया जाएगा। बताते चले 29.7 किलोमीटर लंबे नोएडा से ग्रेटरनोएडा रूट में कुल 21 स्टेशन बनाए गए है। यहा क्लाक वाइस महिलाओं की शिफ्ट काम करेगी। ताकि नियमो का पालन किया जा सके।
700 मुसाफिरों को गंतव्य तक पहुंचाएंगी महिला चालक
एक्वा लाइन पर चलने वाली मेट्रो चार कोच की होगी। कोच के प्रत्येक चक्कर में मुसाफिरों की संख्या सात सौ के आसपास होगी। पीक आवर में इस संख्या में इजाफा भी होगा। यह दो तरह की मेट्रो ट्रेन चलेंगी। पहली नार्मल व दूसरी एक्सप्रेस ट्रेन। लिहाजा इन दोनों मेट्रो की कमान महिला चालकों के हाथ में होगी। इससे पहले लखनऊ मेट्रो का संचालन महिला चालकों द्वारा किया जा रहा है।
अलग-अलग सेक्शन से हिसाब से होगी ट्रेनिंग
एनएमआरसी महिलाओं को बतौर ट्रेनिंग देगी। चालक, गार्डों को अलग सेक्शन में ट्रैनिंग दी जाएगी। इसी तरह टोकन काउंटर, हेल्प डेस्क, स्टेशन नियंत्रण के लिए अलग-अलग ट्रेनिंग सेक्शन चलाए जाएंगे। ताकि संचालन के दौरान कहीं भी खामी न हो। एनएमआरसी के सहायक निदेशक पीडी उपाध्याय ने बताया कि एक्वा एनसीआर में दूसरी सबसे लंबा मेट्रो का ट्रैक है। हमे गर्व है कि यहा संचालन से लेकर मेट्रो चलाने का कार्य महिलाओं द्वारा किया जाएगा।