370 हटाने से विपक्षी पार्टियों के हौसले हुए पस्त, कार्यकर्ताओं में छाई मायूसी
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में सभी विपक्षी पार्टियां जुटी थी । लेकिन बीजेपी के एक वार से सभी के हौसले पस्त हो गए है । जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटने के बाद सपा, बसपा, कांग्रेस जैसी पाटियों ने पहले ही हार मान ली है । पार्टी कार्यकताओं ने भी हथियार डाल दिए है । सभी के चहरे पर मायूसी साफ देखी जा सकता है ।
कानपुर: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में सभी विपक्षी पार्टियां जुटी थी । लेकिन बीजेपी के एक वार से सभी के हौसले पस्त हो गए है । जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटने के बाद सपा, बसपा, कांग्रेस जैसी पाटियों ने पहले ही हार मान ली है । पार्टी कार्यकताओं ने भी हथियार डाल दिए है । सभी के चहरे पर मायूसी साफ देखी जा सकता है ।
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यूपी में होंगे विधानसभा उपचुनाव
उत्तर प्रदेश में 12 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने है । लोकसभा चुनाव के बाद सपा , बसपा और कांग्रेस पार्टी ने उपचुनावों की तैयारियां भी शुरू कर दी थी । जबकि शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रसपा ने उपचुनाव नहीं लड़ने का मन दो माह पहले ही बना लिया था । इसके अलावा सभी विपक्षी पाटिर्यो ने उत्तर प्रदेश सरकार को विभिन्न मुद्दो पर घेरना शुरू कर दिया था और जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगे थे ।
2019 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रर्दशन करने वाली बसपा को पूरी उम्मीद है कि वो विधानसभा उपचुनाव में कुछ अच्छा करेगी । दरसल बसपा सुप्रीमों मायावती ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर मोदी सरकार का समर्थन किया था । मायावती का मानना है कि उत्तर प्रदेश में उनके द्वारा किए गए समर्थन का जनता के बीच अच्छा मैसेज जाएगा । जिसका फायदा उन्हे उपचुनाव और आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में मिलेगा ।
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बसपा कर रही है पूरी ताकत से विधानसभा उपचुनाव की तैयारी
उत्तर पदेश में बसपा ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो अभी भी पूरी ताकत से विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में जुटी है । बीते रविवार को बसपा के नए प्रदेश अध्यक्ष मुकनाद अली ने कानपुर, झांसी और चित्रकूट मंडल में लापवाही बरतने वाले सात जिला प्रभारियों को हटाया है । पार्टी ने पदाधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि संगठन के कार्यो में लापरवाही करने वालो को बख्सा नहीं जाएगा ।
वहीं अनुच्छेद 370 का विरोध करने वाली सपा और कांग्रेस जैसे विधानसभा उपचुनाव से गायब हो गए है । कानपुर बंदेलखंड की तीन विधानसभा सीटों गोविंद नगर , मानिकपुर और हमीरपुर में उपचुनाव होने है । अनुच्छेद 370 हटने के बाद इस सीटों पर कांग्रेस और सपा हासिए पर चले गए है । जिसका फीडबैक भी पिछले दिनों पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रिय नेतृत्व को भेजा है । जिसकी वजह से कार्यकर्ताओं में भारी निराशा है और उनका मनोबल गिरा हुआ है।
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बीजेपी अनुच्छेद 370 को पूरी ताकत के साथ मुद्दा बनाकर विपक्ष को घेरने की तैयारी में है । उपचुनाव से लेकर आने वाले 2022 विधानसभा चुनाव में भुनाने के मूड में दिख रही है । हालाकि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कानपुर बुंदेलखंड की 52 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी । कानपुर बुंदेलखंड की जिन सीटों पर उपचुनाव होने है ये सीटें बीजेपी के पास थी ।