लखनऊ: महिलाओं पर एसिड फेंकने वालों के साथ भी वही व्यवहार होना चाहिए, जो उन्होंने महिलाओं के साथ किया है। यह कहना है दुनिया की पहली दिव्यांग पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा का। उन्होंने यह बात सीएम अखिलेश के सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में कही। इस कार्यक्रम में अरुणिमा को अन्य महिलाओं के साथ रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अरुणिमा ने कड़े शब्दों मे की निंदा
-कार्यक्रम में बोलते हुए अरुणिमा ने कहा एसिड सर्वाइवर्स की हालत देखकर गुस्सा आता है।
-दिल करता है कि उन एसिड फेंकने वालों के साथ भी ऐसा ही होना चाहिए यानि “Tit for Tat”
-अफसोस करते हुए अरुणिमा ने कहा कि देश का संविधान किसी भी गुनाहगार के साथ ऐसा करने की इजाजत नहीं देता।
-इन गुनाहगारों के चलते एसिड अटैक सर्वाइवर्स को जीवन भर का दंश झेलना पड़ता है।
सीएम अखिलेश ने किया सम्मानित
-यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने अरुणिमा के साथ अन्य एसिड सर्वाइवर्स को सम्मानित किया।
-सीएम ने लखनऊ में शीरोज कैफ़े का भी लोकार्पण किया।
कौन हैं अरुणिमा सिन्हा
-अरुणिमा यूपी के अंबेडकर नगर की निवासी हैं।
-अरूणिमा सिन्हा माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय दिव्यांग हैं।
-यह भारत की नेशनल लेवल की पूर्व बॉलीबॉल खिलाड़ी भी हैं।
-वर्तमान में अरुणिमा CISF में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं।
दर्दनाक घटना के बाद भी कम नहीं हौसले
-5 साल पहले 12 अप्रैल 2011 को अरुणिमा पद्मावत एक्सप्रेस से लखनऊ से दिल्ली जा रहीं थीं।
-चलती ट्रेन में ही एक क्रिमिनल ने उनका बैग और सोने की चेन खींचने की कोशिश की।
-लूट में नाकामयाब क्रिमिनल ने बरेली के पास अरुणिमा को चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया था।
-इस घटना में वे अपना पैर गंवा बैठी थी।
साहस के दम पर नापी हिमालय की लंबाई
-इस घटना के बाद अरूणिमा ने साहस का परिचय दिया।
-21 मई 2013 को दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल कर एक नया इतिहास रचा।
-अरुणिमा ने ऐसा करने वाली विश्व की पहली भारतीय महिला होने का कीर्तिमान अपने नाम किया।
-25 दिसंबर 2015 को दक्षिण अमेरिका (अर्जेन्टीना) की 6962 मीटर ऊंची चोटी अंकाकागुआ पर फतह हासिल की।