सुल्तानपुर: एक साल पहले मां-बाप की एक्सीडेंट में ये चार बेटियां अनाथ हो गई थीं, गुरबत ऐसी की जिंदगी के सामने गहरा अंधेरा हो गया था। ऐसे में एक एसआई चार अनाथ बच्चियों के लिए फ़रिश्ता बनकर सामने आया, और जो काम जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासन तक नहीं कर पाया वह काम कर दिखाया।
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चार अनाथ बच्चियों की मदद के लिए बढ़ाया क़दम,एक साल पहले अनाथ हुई थी बच्चियां
मंगलवार को चौकी इंचार्ज बरौसा दया शंकर मिश्र को उनके ड्राइवर सुनील दत्त तिवारी ने बताया कि साहब पिछले साल इसी दिन एक गरीब परिवार बिखर गया था। एक रोड एक्सीडेंट में जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के चकसोरा निवासी नंदू व उसकी पत्नी सिगारी देवी को मौत हो गई थी। उसनें अपने पीछे पांच बेटियां छोड़ा था, जिसमें रिंकी (20) की शादी हो चुकी है, बाक़ी प्रतिमा (17), शालिनी (15), शिवानी (8) व शिवांगी (4) का कोई पुरसाहाल नहीं हुआ है। न तो विधायक न ही प्रशासन से इस परिवार को आजतक कोई मदद मिली है। इस बात ने एसआई दया शंकर मिश्र को झिंझोड़ कर रख दिया। झट गाड़ी स्टार्ट कर एसआई सिपाही के साथ मार्केट में आए। यहां से कम्बल आदि खरीद कर सीधे नंदू के घर पहुंचे यहां 1100 कैश के साथ उन्होंने मदद किया।
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दिव्यांग भाई के परिवार का भी चलाते थे खर्च
बता दें कि 11 दिसम्बर 2017 रविवार की रात को जयसिंहपुर के सेमरी चौकी क्षेत्र निवासी दलित नंदू के परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा था। कटका-अम्बेडकर नगर हाइवे पर सेमरी बाइपास पर चकसोरा प्राइमरी के पास सड़क दुर्घटना में साइकिल सवार दंपति की घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। हादसे में दंपति की मौत के बाद पूरा कुनबा बिखर सा गया है। यहां ये भी बता दें कि परिवार में एक नन्दू ही था जो मेहनत मजदूरी करके अपनी पांच बेटियों के साथ ही पैरों से दिव्यांग अपने बड़े भाई बिरजू के परिवार का भी भरण पोषण करता था।
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मानवता का धर्म सारे धर्मों से बड़ा है: एसआई
एसआई दया शंकर मिश्र ने बताया के मानवता का धर्म सारे धर्मों से बड़ा है, इसी बात को ध्यान में रखकर मैने ये क़दम उठाया है। मैने उन बच्चियों को करीब से जाकर देखा तो मैं सिहर उठा। बग़ैर मां-बाप के बच्चियों का जीवन व्यतीत करना आसान नहीं है। आगे भी इन बच्चियों के लिए अच्छा क़दमउठायेंगे|