औरैया सदर विधायक रमेश दिवाकरः न्याय नहीं मिला तो आ गए राजनीति में

क्षेत्र की मुख्य समस्या के बारे में सदर विधायक रमेश दिवाकर ने बताया कि शहर में नुमाइश के लिए मैदान नहीं है, बच्चों के खेलने के लिए पार्क नहीं है। अतिक्रमण की अधिक समस्या है, सड़कों का चौड़ीकरण न होने से जाम की समस्या ज्यादातर उत्पन्न हो जाती है। रोडवेज डिपो विवादित रहा है

Update: 2020-08-21 09:34 GMT

प्रवेश चतुर्वेदी

औरैया। लगातार उत्पीड़ित हो रही जनता को जब उनकी समाज सेवा से न्याय न मिला तो रमेश दिवाकर ने राजनीति में कदम रखने की ठान ली और उन्होंने जनता के आशीर्वाद से भारतीय जनता पार्टी में अपने पैर जमा लिए। पहले उन्हें नगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। उनके कार्य से खुश होकर प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें जिला अध्यक्ष घोषित कर दिया।

जनता के प्यार ने जीत लिया

जिला अध्यक्ष बनने के बाद वर्तमान विधानसभा चुनाव में उन्हें औरैया सदर से विधायक पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया और उनके नाम की घोषणा होते ही जनता में उत्साह भर गया और लोग जी जान से उन्हें जिताए जाने के लिए जुट गए। जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्होंने भारी मतों से विजय हासिल कर ली।

सदर औरैया विधायक रमेश दिवाकर ने न्यूज ट्रैक को दिए एक स्पेशल इंटरव्यू में बताया कि जब चुनाव जीतकर पहली बार जनता के बीच गए तो जनता ने उनका उत्साहित होकर जोरदार स्वागत किया।

जनता में अधिकांश ने उनसे कहा कि आज तक ऐसा कोई भी विधायक नहीं हुआ जो चुनाव जीतने के बाद उनके दरवाजे पर आया हो। यह सुनकर वह भी भावुक हो गए और उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि वह उनकी हर संभव मदद करने के लिए हमेशा तैयार हैं।

जनता को चाहिए विधायक के साथ फोकस

लगातार महंगे होते जा रहे चुनाव पर उन्होंने बताया कि जनता अपने विधायक के साथ फोकस देखना चाहती है। गाड़ियों का काफिला भी भारी मात्रा में देखनी चाहती है और इसीलिए यह चुनाव लगातार महंगे होते जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को चाहिए कि इन सभी चीजों पर पाबंदी लगाई जाए और जनता को इसके लिए जागरूक किया जाए कि फोकस से उनका विकास नहीं होगा बल्कि विधायक द्वारा कराए गए उनके क्षेत्रों में कार्य से ही उनके गांव व क्षेत्र का विकास संभव है।

रोजगार दें, छूट देना कम करें

उन्होंने बताया कि वर्तमान युग में 60% जनता मेहनत करके अपना भरण-पोषण करती है वही 40% लोग ऐसे हैं जो सरकार के ऊपर ही निर्भर रहते हैं। यह निर्भरता उन्हें परेशान करती है।

उन्होंने कहा आश्रित होना अच्छी बात है मगर अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें मेहनत तो करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराए और जनता को जो छूट दी जा रही है उसे कम करें।

विधायक निधि बढ़ाई जाए

उन्होंने कहा विधायक निधि का फंड बहुत कम है। इससे ज्यादा फंड तो प्रधानों की निधि में आता है। उन्होंने विकास निधि बढ़ाए जाने की बात कही और कहा कि कुछ कार्य ऐसे होते हैं जो निधि से नहीं कराई जा सकते हैं।

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मगर जनता अपने जनप्रतिनिधि से यह अपेक्षा करती है कि वह उसके इस कार्य में मदद करें और उन्हें भी उसकी दूसरे रास्ते से मदद करनी पड़ती है।

टिकट मिलना बड़ी खुशी

अपने सबसे अधिक खुशी के बारे में उन्होंने बताते हुए कहा कि जब वह जिला अध्यक्ष बनाए गए और उसके छह महीने बाद ही उन्हें विधानसभा का टिकट मिल गया यह बात उनके लिए बहुत अधिक खुशी की थी।

इसके अलावा वह चुनाव जीतकर जब गांव में गए तो लोगों की समस्याएं सुनकर उन्हें काफी असहजता महसूस हुई। ग्रामीणों ने कहा कि आप पहले विधायक ऐसे हैं जो चुनाव जीतने के बाद उनके दरवाजे पर आए हैं।

बदलाव ठीक भ्रष्टाचार नहीं

राजनीति में बदलाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि बदलाव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो स्वाभाविक होती है। उन्होंने कहा कि वह काफी लंबे समय से राजनीति कर रहे हैं।

उन्होंने देखा है कि इसमें भी कई प्रकार के भ्रष्टाचार होते हैं जिससे उनका मन विचलित हो उठता है।

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विधायक के तौर पर श्री दिवाकर की उपलब्धियां

अपने कार्यकाल में उन्होंने 300 हैंडपंप, 350 सोलर लाइट लगवाई हैं।

50 करोड़ से अधिक राशि से सड़कों का निर्माण कराया, गांव के संपर्क मार्ग बनवाए।

350 सोलर लाइट, समर, 15 फ्रीजर लगवाए, गौहानी कला में पुल निर्माण कराया।

जेल का भुगतान कराए जाने के लिए अधिकारियों से मीटिंग हुई है।

पीएसी की जमीन के लिए जगह का चिन्हाकन हो गया है।

बालिका इंटर कॉलेज की स्थापना कराए जाने के लिए पैरवी जो लगभग पूरी हो चुकी है

लाइट व्यवस्था को दुरुस्त कराने के लिए उच्चाधिकारियों व मंत्रियों से संपर्क किया गया है।

बीहड़ के कई गांव का विकास, पंचनद बाध का मुद्दा उठाया जो कार्य शुरू होने की संभावना है।

बस स्टॉप के स्थान के लिए देवकली के समीप जगह का निरीक्षण आदि कई कार्य कराए हैं।

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रमेश दिवाकर ने बताया कि कई कार्य छूट गए हैं, जनता उनसे कहती है मगर उनके पास इन समस्याओं के निराकरण के लिए अब धनराशि नहीं है।

समस्याएं तो बहुत हैं

क्षेत्र की मुख्य समस्या के बारे में सदर विधायक रमेश दिवाकर ने बताया कि शहर में नुमाइश के लिए मैदान नहीं है, बच्चों के खेलने के लिए पार्क नहीं है। अतिक्रमण की अधिक समस्या है, सड़कों का चौड़ीकरण न होने से जाम की समस्या ज्यादातर उत्पन्न हो जाती है।

रोडवेज डिपो विवादित रहा है इसके लिए 30 लाख स्वीकृत कराए गए थे मगर विवादित होने के चलते वह कार्य शुरू नहीं हो सका है।

यहां पर यात्रियों के बैठने की उचित व्यवस्था ना होने के कारण लोग खड़े रहकर ही बसों का इंतजार करते हैं। बसों की व्यवस्था ठीक हो इसके लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं।

समाधान के प्रयास भी

सीवर समस्या के लिए उन्होंने आवास विकास मंत्री से मिलकर समाधान की बात कही। उन्होंने कहा कि आगामी 2020-21 के बजट में सीवर समस्या से शहर के लोगों को निजात मिलने की संभावनाएं हैं।

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अंत में उन्होंने कहा वैसे तो वह निरंतर क्षेत्र में रहकर लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और उनका निस्तारण कराए जाने का प्रयास करते हैं। मगर यदि कहीं पर वह न पहुंच पाए तो कृपया उन तक समस्या को अवश्य पहुंचाएं। जिससे कि उस पर वह ध्यान दे सकें।

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