औरैया: एसडीएम ने कहा- जब नदियां शुद्ध होंगी तभी हम रहेंगे स्वस्थ

हिंदुओं के प्रमुख पर्व होली पर प्रत्येक वर्ष पूरे देश में वन संपदा को नष्ट कर हजारों पेड़ों की कई टनों लकड़ी का उपयोग किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण व जनहित को दृष्टिगत रखते हुए सरकार को इसका उचित विकल्प खोजना चाहिए। जिससे पर्यावरण सुरक्षित रह सके।

Update:2021-02-14 15:06 IST
औरैया: एसडीएम ने कहा- जब नदियां शुद्ध होंगी तभी हम रहेंगे स्वस्थ

औरैया। एक विचित्र पहल सेवा समिति द्वारा स्वच्छता अभियान के अंतर्गत विगत 6 वर्षों से यमुना तट पर अनवरत सफाई अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत रविवार को प्रातः 9 बजे रमेश चंद्र यादव उप-जिलाधिकारी व सदर तहसीलदार राजकुमार चौधरी का समिति के सदस्यों द्वारा गुलदस्ता भेंटकर अभिनंदन किया गया। समिति के सदस्यों के सहयोग से अंत्येष्टि स्थलों पर 117 वें चरण का सफाई अभियान चलाया गया। जिसके अंतर्गत सफाई यंत्रों के सहयोग से अंत्येष्टि स्थलों पर फैला हुआ लगभग दो कुंतल कूड़ा करकट व अपशिष्ट एकत्रित कर आग द्वारा नष्ट किया गया।

अंत्येष्टि स्थलों की साफ-सफाई जरूरी

सफाई अभियान में उप-जिलाधिकारी ने अंत्येष्टि स्थलों की साफ-सफाई कर लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया और कहा कि यमुना तट पर समिति द्वारा जनहित में काफी लंबे समय से अंत्येष्टि स्थलों पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है जोकि जनहित में बहुत ही सराहनीय है। नगर के लोगों को भी यमुना मैया के चरणों में श्रमदान कर पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर यथासंभव सहयोग करना चाहिए। अभियान में मौजूद सदस्यों ने उप- जिलाधिकारी का आभार व्यक्त किया।

पर्यावरण गोष्ठी का आयोजन हुआ

यमुना तट पर स्थित राम झरोखा में पर्यावरण गोष्ठी का आयोजन किया गया गोष्ठी को संबोधित करते हुए समिति के संस्थापक आनन्द नाथ गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि पर्यावरण हम सभी जीवों के जीवन से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण विषय है। पर्यावरण के असंतुलन से हम लोगों को अक्सर तमाम प्राकृतिक आपदाओं, भूकंप आदि का रौद्र रूप देखने को मिलता है, लेकिन हम लोग पर्यावरण के प्रति सजग नहीं है। जिसके दुष्परिणाम दैवीय आपदा के रूप में अक्सर हमारे सामने दिखाई देते हैं।

[video data-width="640" data-height="352" mp4="https://newstrack.com/wp-content/uploads/2021/02/VID-20210214-WA0159.mp4"][/video]

ये भी देखें: पुलवामा की बरसीः सात किलो आरडीएक्स के संकेत, पाक मांगे रिपीट बालाकोट

गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे समिति के संरक्षक भीमसेन सक्सेना ने बताया कि आधुनिकीकरण के चलते प्राकृतिक सुंदर धरोहर ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों को ध्वस्त कर आवासीय व व्यापारिक इमारतें बनाई जा रही है। प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त झीलों, नदियों व तालाबों का अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है। पेड़ों की कटान निरंतर जारी है।

पर्यावरण संरक्षण व संतुलन के लिए पौधारोपण अत्यंत जरूरी

गौरतलब है कि हिंदुओं के प्रमुख पर्व होली पर प्रत्येक वर्ष पूरे देश में वन संपदा को नष्ट कर हजारों पेड़ों की कई टनों लकड़ी का उपयोग किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण व जनहित को दृष्टिगत रखते हुए सरकार को इसका उचित विकल्प खोजना चाहिए। जिससे पर्यावरण सुरक्षित रह सके। पर्यावरण संरक्षण व संतुलन के लिए पौधारोपण अत्यंत जरूरी है। गोष्ठी को डॉ. एस.एस परिहार, ज्ञान सक्सेना आदि लोगों ने संबोधित किया।

ये भी देखें: इलेक्ट्रिसिटी बिल: पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन ने मुख्यमंत्रियों को भेजा पत्र, की ये अपील

यमुना मैया के चरणों में श्रमदान

यमुना मैया के चरणों में श्रमदान व गोष्ठी में प्रमुख से सदर तहसीलदार राजकुमार चौधरी, डॉ.एस.एस परिहार, मनीष पुरवार (हीरू), आनन्द गुप्ता (डाबर), व्यापारी नेता नीरज पोरवाल, हरमिंदर सिंह कोहली, सभासद छैया त्रिपाठी, भीमसेन सक्सेना, सभासद पंकज मिश्रा, अर्पित दुबे एडवोकेट, मुकेश पुरवार, ज्ञान सक्सेना, रामचंद्र सोनी, सभासद राजवीर यादव, अर्पित गुप्ता, रानू पोरवाल, अभिषेक गोयल, गोपाल गुप्ता दीपक विश्नोई, राम सिंह शहंशाह, रज्जन बाल्मीकि आदि सेवादारों का सराहनीय योगदान रहा।

रिपोर्टर- प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया

दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News