69000 Teachers : भर्ती में सीटें बढ़ाने को लेकर भाजपा कार्यालय पर अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन
69000 में 22000 सीटें जोड़ने के लिए बीजेपी कार्यालय पर अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन किया। साथ ही बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी और विभाग के अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप भी लगाया।
लखनऊ: 69000 में 22000 सीटें जोड़ने के लिए बीजेपी कार्यालय पर अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन किया। साथ ही बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी और विभाग के अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप भी लगाया। 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर कई दिनों से विरोध प्रदर्शन चल ही रहा था। ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। कल अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री का घर का घेराव किया था और उनके घर के सामने बैठकर धरना प्रदर्शन किया था। आज बीजेपी कार्यालय के सामने सैकड़ों की संख्या में छात्र पहुंच कर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 69 हजार भर्ती प्रक्रिया में 22 हजार सीटें और बढ़ाई जाएं, उन्हें भरा भी जाए। कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए। उनका कहना था कि सरकार उन लोगों के साथ अन्याय कर रही है जब सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को यूपी में 1.37 लाख योग्य शिक्षकों को दो भर्ती में भरने का आदेश दिया था। इसके पालन के लिए सरकार ने 68,500 और 69,000 दो भर्ती निकालीं। पहली भर्ती में सरकार ने 150 अंक की परीक्षा में पास होने के लिए अनिवार्य अंक 67/60 निर्धारित किया, जिसमें मात्र 41 हजार अभ्यर्थी ही पास हो पाए, जिससे यहां लगभग 22 हजार से अधिक पद खाली रह गए।
इसके बाद सरकार ने 69000 भर्ती में पास होने के लिए 90/97 अंक निर्धरित किए, लेकिन यहां भी लगभग एक लाख 46 हजार अभ्यर्थी ही पास हुए। इसी परीक्षा को कराने वाली संस्था ने सभी को मुफ्त के तीन अंक बांट दिए। इस कारण जो लोग पहले फेल हो रहे थे, वो भी पास हो गए। उन्होंने बताया कि यूपी में करीब दो लाख से अधिक प्राइमरी अध्यापकों की कमी है और सरकार के पास 1.37 लाख से शेष 22 हजार पद भी खाली हैं। बहुत से अभ्यर्थी 90/97 से अधिक अंक 105 लाकर भी बाहर हैं।
लिहाजा वह सरकार से ये मांग करते हैं कि जब सरकार के मानक पर लगभग 68000 अभ्यर्थी पास बैठे हैं तो सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं कर रही है। 22 हजार पदों पर इन 90/97 से अधिक अंक लाने वालों को नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है।