Akhilesh Yadav Life Introduction: अखिलेश यादव 2022- यूपी की सियासत में जब 'टीपू' बना सुल्तान

Akhilesh Yadav Life Introduction: अखिलेश यादव 2022: यूपी के सीएम बनने से पहले तक उन्हें तत्कालीन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के पुत्र के तौर पर या अपने क्षेत्र के सांसद के रूप में ही जाना जाता रहा।

Written By :  aman
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-09-14 08:57 IST

अखिलेश यादव (File Photo) pic(social media)

Lucknow News: अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के उन युवा राजनीतिक चेहरों में गिने जाते हैं जो कम उम्र में सत्ता के शीर्ष तक पहुंचे। अखिलेश यादव 38 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के सीएम बने। यूपी के सीएम बनने से पहले तक उन्हें तत्कालीन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के पुत्र के तौर पर या अपने क्षेत्र के सांसद के रूप में ही जाना जाता रहा। अखिलेश यादव सपा के एक सक्रिय राजनेता हैं। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की बहुमत वाली सरकार के वो पूर्णकालिक मुख्यमंत्री रहे। 

अखिलेश की प्रारंभिक शिक्षा इटावा के सेंट मैरी स्कूल से हुई है। इसके बाद उन्होंने राजस्थान के धौलपुर मिलिट्री स्कूल में दाखिला लिया। मैसूर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन के बाद वे पर्यावरण इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री के लिए ऑस्ट्रेलिया के सिडनी चले गए। 24 नवंबर, 1999 को डिंपल यादव से उनका विवाह हुआ। अखिलेश के तीन बच्चे हैं। अखिलेश यूपी के सबसे कम उम्र के सीएम के रूप में भी जाने जाते हैं। 

रैली के दौरान अखिलेश (File Photo) pic (social media)

26 साल की उम्र में बने सांसद

अखिलेश यादव का राजनीतिक में पदार्पण साल 2000  में हुआ। इसी साल कन्नौज सीट का उपचुनाव जीतकर वो संसद में पहुंचे। तब उनकी उम्र मात्र 26 साल थी। वर्ष 2000-01 तक अखिलेश खाद्य, नागरिक आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण से संबंधी समिति के सदस्य भी रहे। अखिलेश यादव साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में दूसरी बार जीत दर्ज की। इस दौरान भी वह शहरी विकास समिति तथा विभिन्न विभागों के लिए कंप्यूटर के प्रावधान के लिए बनी एक कमेटी के सदस्य रहे।

वो विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर बनी समिति तथा पर्यावरण एवं वन संबंधी समिति के भी सदस्य रहे। साल 2009 लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने जीत की हैट्रिक लगाई। इस दौरान 2009-12 तक अखिलेश पर्यावरण एवं वन संबंधी समिति और 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर बनी जेपीसी के भी सदस्य रहे। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव दो सीटों से खड़े हुए थे। एक था कन्नौज तो दूसरा फिरोजाबाद। अखिलेश दोनों ही सीटों से जीते थे। बाद में उन्होंने फिरोजाबाद सीट से इस्तीफा दे दिया था।

यूपी के सबसे युवा सीएम बने अखिलेश 

अब बारी थी साल 2012 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी की लहर दिखी। पार्टी ने 403 विधानसभा सीटों में से 224 पर कब्ज़ा कर बहुमत हासिल की। 10 मार्च को पार्टी विधायक दल की बैठक में अखिलेश यादव को सपा का नेता चुना गया। और 15 मार्च, 2012 को उन्होंने यूपी के सबसे युवा सीएम के रूप में शपथ ली। इसी साल आगामी 5 मई को अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य मनोनीत हुए। 

सीएम अखिलेश के लिए सबसे बुरा दौर 

साल 2016 समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव दोनों के लिए चुनौती भरा रहा। दिसंबर की सर्दी में भी समाजवादी पार्टी के घमासान से राजनीतिक तापमान काफी बढ़ गया था। एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमंत्री पुत्र और पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। तब मुलायम सिंह ने कहा था कि पार्टी के हित को देखते हुए उन्होंने यह फैसला लिया है। उन्होंने बेटे अखिलेश पर गुटबाजी तक का आरोप लगाया। हालांकि बाद में नाटकीय अंदाज में इस निष्कासन को वापस ले लिया गया। इसके बाद अखिलेश यादव ने पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया। 

पिता मुलायम सिंह और चाचा संग अखिलेश (File Photo) pic (social media)

'टीपू' ऐसे बने अखिलेश 

मुलायम सिंह यादव के पारिवारिक मित्र और सैफई गांव के ग्राम प्रधान दर्शन सिंह ने उनके बेटे यानि अखिलेश का नाम 'टीपू' रखा था। एक बार जब टीपू नाम पड़ गया, तो परिवार में किसी ने उनका नाम बदलने या औपचारिक नामकरण की जरूरत नहीं समझी। अखिलेश यादव की जीवनी 'अखिलेश यादव- विंड्स ऑफ चेंज' सुनीता एरन ने लिखी है। इस किताब में वो एक दिलचस्प किस्सा बताती हैं। उन्होंने लिखा, जब मुलायम सिंह यादव के एक करीबी मित्र जिनका नाम एसएन तिवारी था, उनके चार साल के बेटे का नामांकन कराने स्कूल ले गए तो वहां के शिक्षक ने उनका नाम पूछा। बच्चे ने जवाब दिया, 'टीपू'। शिक्षक बोले,  लेकिन इस नाम को फॉर्म में नहीं लिखा जा सकता। तब मुलायम सिंह के मित्र ने हंसते हुए बालक टीपू को कुछ नाम सुझाए। पूछा, क्या तुम्हें अखिलेश नाम पसंद है?' और बच्चे के सिर हिलाते ही और 'टीपू' अखिलेश यादव हो गए। 

दोस्तों संग समय बिताते अखिलेश (File Photo) pic (Social media)

'पढ़ने में मेहनत करो, काम आएगा'

अपनी किताब में एरन एक और किस्सा बयां करती हैं। अखिलेश जब धौलपुर मिलिट्री स्कूल में दाखिला लेने गए तो उनके साथ चाचा शिवपाल सिंह यादव थे। उन्होंने ही अखिलेश का वहां दाखिला कराया। वो आगे लिखती हैं अखिलेश के सैनिक स्कूल में रहने के दौरान पिता मुलायम सिंह उनसे मिलने सिर्फ़ दो बार वहां गए। पिता ने बालक अखिलेश को एक बार पत्र लिखा, जिसमें सिर्फ़ दो वाक्य थे- "पढ़ने में मेहनत करो, काम आएगा।" इस किताब में बताया गया है कि सैनिक स्कूल में पढाई के दौरान अखिलेश अन्य लड़कों की तरह अपने कपड़े खुद धोते और जूते भी स्वयं ही पॉलिश करते थे। 

परिवार के साथ अखिलेश (File Photo) pic (social media)

डिंपल रावत बनीं अखिलेश की मिसेज    

अखिलेश यादव से डिंपल रावत की पहली मुलाकात उनके पढाई के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले हुई थी। तब मोबाइल फोन आज की तरह आम नहीं था। इसलिए ऑस्ट्रेलिया में रहते हुए भी वो चिट्ठियों के ज़रिए एक दूसरे के संपर्क में रहे। डिंपल के पिता कर्नल एस.सी.रावत उन दिनों बरेली में पोस्टेड थे। आखिरकार इनका प्यार परवान चढ़ा और नवंबर 1999 में पहली बार सांसद बनने के बाद अखिलेश यादव और डिंपल की शादी हो गयी। शादी के बाद डिंपल ने खाना बनाना भी सीखा। क्योंकि अखिलेश खाने के शौकीन माने जाते हैं। कहा जाता है कि मुलायम सिंह, अखिलेश और डिंपल की शादी के खिलाफ थे। लेकिन उन्हें अखिलेश की जिद के सामने झुकना पड़ा। उस वक्त अखिलेश को सबसे ज्यादा किसी ने साथ दिया तो वो थे अमर सिंह। हालांकि बाद में एक ऐसा समय आया जब अखिलेश यादव सबसे ज्यादा नफरत अमर सिंह से ही करने लगे थे। 

ऐसे हुई थी अखिलेश की नाक टेढ़ी 

2016 में टीपू का अफसाना नाम के अपने कार्टून चित्रों से सजी किताब के विमोचन के दौरान अपनी टेढ़ी नाक का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि फुटबॉल खेलते वक्त लगी चोट की वजह से उनकी नाक टेढ़ी हो गई थी। लेकिन ये उनके लिए शुभ रहा। एक मजेदार किस्सा सुनाते हुए अखिलेश ने कहा, मेरे पिताजी मेरी टेढ़ी नाक ठीक कराने डॉक्टर कक्क्ड़ के पास ले गए। कक्कड़ राष्ट्रपति के डॉक्टर  थे। डॉक्टर साहब ने मेरी नाक देखी और पूछा, तुम्हारी शादी हो गयी है। मैंने कहा, हां हो गयी है। उन्होंने कहा, तब ठीक कराने की कोई जरूरत नहीं। इसलिए मैंने नाक ठीक नहीं कराई और मैं मुख्यमंत्री भी बन गया। अखिलेश ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, अब यही टेढ़ी नाक मेरे लिए गुडलक हो गया।     

जीवन परिचय: एक नजर 

नाम- अखिलेश यादव

जन्म- 1 जुलाई 1973, इटावा

राजनीतिक दल- समाजवादी पार्टी

धर्म पत्नी- डिंपल यादव

पिता- मुलायम सिंह यादव

माता- मालती देवी

बच्चे- अदिति व टीना (पुत्री) और अर्जुन (पुत्र)

पैतृक निवास- ग्राम सैफई, जिला  इटावा 

प्रारंभिक शिक्षा- सेंट मैरी स्कूल,  इटावा 

माध्यमिक शिक्षा- धौलपुर मिलिट्री स्कूल 

कॉलेज- मैसूर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन

मास्टर डिग्री- पर्यावरण इंजीनियरिंग, सिडनी

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