Amethi News: कोरोना प्रोटोकाॅल की धज्जियां उड़ा रहे पुलिसकर्मी, बिना मास्क के जनसुनवाई करते दिखे अधिकारी
गौरीगंज पुलिस थाने में समाधान दिवस के दौरान पुलिस के दो आला अधिकारी बिना मास्क पहने जनसुनवाई कर रहे थें।
Amethi News: भारत में कोरोना के मामले अभी कम नहीं आ रहे हैं, देश में प्रतिदिन कोरोना के लगभग चालीस हजार केस आ रहे हैं और करीब आठ सौ से नौ सौ मौतें रोज हो रही है। केरल और महाराष्ट्र में संक्रमित होने के दर में भारी गिरावट अभी तक नहीं देखी गई है। इन दो राज्यों में अभी भी भारी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। लेकिन भारत के लोग कोरोना को समाप्त मान चुके और बहुत ही कम लोग हैं जो कोरोना के प्रोटोकाॅल के पालन कर रहे हैं। जबकी डबल्यूएचओं( WHO) ने लगातार तीसरी लहर के आने को लेकर तमाम देशो को आगाह कर रहा है।
लेकिन आम जनता से लेकर पुलिस-प्रशासन तक इस बात को हल्के में ले रही है। इसी प्रकार की घटना अमेठी के गौरीगंज कोतवाली में देखी गई जहां पुलिस लोगों के समक्ष बिना मास्क के उपस्थित थी और जनता की समस्या की सुनवाई कर रही थी। अब जब ये फिल्ड में जाएंगे तो किस तरह लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करेंगे ये देखने वाली बात होगी।
बिना मास्क पहने जनसुनावाई करते अधिकारी
आपको बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी को लेकर अभी भी बेहद चिंतित हैं। मास्क को लेकर बरती जा रही लापरवाही पर अक्सर वो लोगों को जागरूक कर रहे है। लेकिन पब्लिक तो पब्लिक जिम्मेदारों पर भी उनकी बात असर नही हो रहा है। अब जरा यूपी के अमेठी में गौरीगंज कोतवाली में जनसुनवाई कर रहे इन दोनो पुलिस अधिकारियों को ही देख लीजिए। जो मास्क लगाना मुनासिब नही समझते हैं।
शनिवार को समाधान दिवस की शुरुआत हुई
उत्तर प्रदेश के अमेठी में भी कोरोना महामारी के चलते करीब चार माह के लंबे अंतराल के बाद शासन के निर्देश पर शनिवार को समाधान दिवस की शुरुआत हुई। सभी थानों में थानाप्रभारी जनसुवाई कर रहे हैं। इस क्रम में जिला मुख्यालय पर स्थित गौरीगंज कोतवाली में जिले के अपर पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश पाण्डेय और गौरीगंज सर्किल के क्षेत्राधिकारी गुरुमीत सिंह भी जनसुवाई के लिए पहुंचे। कोरोना काल में मास्क को लेकर अमेठी की जनता पर सख्ती और उनका चालान करने वाले ये दोनो अधिकारी स्वयं सावर्जनिक स्थान पर बिना मास्क के बैठे रहे।
हैरान करने वाली बात ये है कि इन दोनो जिम्मेदारों के पास ही कोतवाली के इंचार्ज भी बैठकर जनता की समस्या सुन रहे थे। जिन्होंने पूरे समय मुंह पर मास्क लगा रखा था। सवाल ये है कि इन अधिकारियों ने सीख क्यों नही। आखिर फिर ऐसे अधिकारियों को क्या अधिकार है कि वो मास्क के लिए जनता का चालान कांटे, या उन्हें दंडित करें? इससे भी बड़ा सवाल ये है कि क्या पुलिस के उच्च अधिकारी दोनो लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई करेंगे।